कहानी: नंबर वन
-गीता दुबे-
मैं अपनी जिंदगी से बिल्कुल संतुष्ट थी, कोई शिकायत नहीं थी मुझे जिंदगी से. विवाह के आठ वर्ष बाद ईश्वर ने हमें एक बेटा दिया था, हम दोनों ने उसे नाजों से पाल- पोसकर बड़ा किया, अच्छे स्कूल में पढ़ाया, पढ़ लिखकर वह ऑफिसर बन गया, हमने…
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