अपना-अपना लोकतंत्र
-शशिकांत सिंह शशि-
अंग्रेज हमें जो लोकतंत्र दे गये। उसे हमने संभाल कर रखा है। लोकतंत्र ही नहीं कायदे-कानून, फैशन, रीति-रिवाज और दरबारी ठाठ सब सलामत है। लोकतंत्र को तो हवा भी नहीं लगने दी। जस का तस संविधान में रख दिया। चुनाव के दिनों में…
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