दुष्ट सर्प और कौवे

एक जंगल में एक बहुत पुराना बरगद का पेड था। उस पेड पर घोंसला बनाकर एक कौआ-कव्वी का जोडा रहता था। उसी पेड के खोखले तने में कहीं से आकर एक दुष्ट सर्प रहने लगा। हर वर्ष मौसम आने पर कव्वी घोंसले में अंडे देती और दुष्ट सर्प मौक़ा पाकर उनके घोंसले…
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अगले दिन से 5 की रोटी 15 में बिकने लगी

एक बनिया था 5 रुपए की एक रोटी बेचता था। उसे रोटी की कीमत बढ़ानी थी लेकिन बिना राजा की अनुमति कोई भी अपने दाम नहीं बढ़ा सकता था। लिहाजा राजा के पास बनिया पहुंचा, बोला राजाजी मुझे रोटी का दाम 10 करना है। राजा बोला तुम 10 नहीं 30 रुपए करो,…
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बंटवारा

-योगेन्द्र प्रताप मौर्य- घड़ी में जैसे ही रात के 11ः59 बजे कि राम ने मां को जल्दी से उनकी छड़ी पकड़ा दी और उधर श्याम ने पिताजी को। मां और पिताजी को भी पता था कि सोलहवां दिन लगने वाला है इसलिये वे पहले से ही तैयार बैठे थे। कहीं देर हो गई तो…
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बाल कहानी : जल्दबाजी का पश्चा‍ताप

गरीबी से परेशान एक युवक अपना जीवन समाप्त करने के लिए नदी पर गया, लेकिन वहां एक साधु ने उसे ऐसा करने के लिए मना कर दिया।साधु ने युवक की परेशानी को सुनकर कहा- मेरे पास एक विद्या है जिससे जादुई घड़ा बन जाता है। तुम जो भी इस घड़े से…
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जल्दबाजी का पश्चा‍ताप

गरीबी से परेशान एक युवक अपना जीवन समाप्त करने के लिए नदी पर गया, लेकिन वहां एक साधु ने उसे ऐसा करने के लिए मना कर दिया।साधु ने युवक की परेशानी को सुनकर कहा- मेरे पास एक विद्या है जिससे जादुई घड़ा बन जाता है। तुम जो भी इस घड़े से…
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साधु और चूहा-पंचतंत्र

महिलरोपयम नामक एक दक्षिणी शहर के पास भगवान शिव का एक मंदिर था। वहां एक पवित्र ऋषि रहते थे और मंदिर की देखभाल करते थे। वे भिक्षा के लिए शहर में हर रोज जाते थे, और भोजन के लिए शाम को वापस आते थे। वे अपनी आवश्यकता से अधिक एकत्र कर लेते थे और…
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राजा और मुर्ख बंदर

एक बार एक राजा था। उसके पास एक बंदर था जो उसका सबसे अच्छा मित्र था। राजा का मित्र होने पर भी वह बंदर बहुत ही मुर्ख था। राजा का प्रिय होने के कारन उसे महल के हर जगह जाने की अनुमति थी बिना कोई रोक टोक। उसे शाही तरीके से महल में इज्ज़त दी जाती…
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पुनर्मिलन

-जोहन पीटर हेबेल-(जोहन पीटर हेबेल (1760-1826) जर्मन लेखकों में अपनी छोटी-छोटी कहानियों के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं। प्रस्तुत कहानी प्रेम की एक अखिण्डत प्यास और एक ऐसे विश्वास की कहानी है, जिसके सहारे आदमी अपनी तमाम भावी सम्भावनाओं…
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अपनी तुलना दूसरों से न करें

एक बार की बात है, किसी जंगल में एक कौवा रहता था, वो बहुत ही खुश था, क्योंकि उसकी ज्यादा इच्छाएं नहीं थीं। वह अपनी जिंदगी से संतुष्ट था, लेकिन एक बार उसने जंगल में किसी हंस को देख लिया और उसे देखते ही सोचने लगा कि ये प्राणी कितना सुन्दर है,…
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आखिरी दरवाजा

-यशपाल जैन-  एक फकीर था। वह भीख माँगकर अपनी गुजर-बसर किया करता था। भीख माँगते-माँगते वह बूढ़ा हो गया। उसे आँखों से कम दिखने लगा।  एक दिन भीख माँगते हुए वह एक जगह पहुँचा और आवाज लगाई। किसी ने कहा, 'आगे बढ़ो! यह ऐसे आदमी का घर नहीं है, जो…
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