ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं को वित्तीय सहायता के लिए बीईई ने लॉन्च किया पोर्टल
नई दिल्ली, 28 नवंबर, ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में ऊर्जा संरक्षण की दिशा में विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) सरकार द्रारा नीतियां और कार्यनीतियां बनाने में विभिन्न पहलों की घोषणा की। बीईई के प्रमुख प्रोत्साहन कार्यों में से एक ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं के वित्त-पोषण को बढ़ावा देने के अभिनव उपाय करना है। इसी कड़ी में सोमवार को नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में बीईई के सुविधा केंद्र ने आईटी-पोर्टल “एडीईटीई” (उद्योगों और प्रतिष्ठानों में ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों की तैनाती में सहायता) का शुभारंभ किया गया। बीईई का सुविधा केंद्र संवर्धित ऊर्जा दक्षता के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमईईई) के तहत एक पहल है जो जलवायु परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी) के तहत मिशनों में से एक है।
यह ऑनलाइन पोर्टल बीईई के सुविधा केंद्र पर पंजीकृत 22 एफआई से ऊर्जा दक्षता वित्तपोषण चाहने वाले उद्योगों के लिए सिंगल विंडो होगा। इस सुविधा केंद्र का उद्देश्य भारतीय वित्तीय संस्थाओं की स्वच्छ ऊर्जा निधियों में तालमेल बिठाना है और इसे भारत में ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं के लिए उपलब्ध कराना है। इस आईटी-पोर्टल “एडीईटीई” का आग़ाज़ करते हुए ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के उप महानिदेशक डॉ. अशोक कुमार ने कहा इस पोर्टल का उद्देश्य ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं में ऋणों के वित्तपोषण को बढ़ावा देना है। यह एक इंटरैक्टिव पोर्टल है जो वित्तीय संस्थानों, उद्योगों, बीईई, राज्य द्वारा नामित एजेंसियों और अन्य के लिए एक मंच प्रदान करेगा। एक दिन की इस वर्कशॉप में बीईई के अधिकारियो के अलावा एमएसएमई, EESL, NCCBM आईटी कंपनी, सरकारी और गैर सरकारी, सिडबी, इंडियन बैंक, एसबीआई, पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड सहित कई वित्तीय संस्थानों ने भाग लिया और एमएसएमई और बड़े उद्योगों में ऊर्जा दक्षता वित्तिय सहायता पर विचार विमर्श किया गया।
ग्लासगो में सीओपी 26 में, भारत ने अपने एनडीसी को अपडेट किया है, जिसमें 2005 के स्तर से 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता में 45% की कमी और 2070 तक इसे समाप्त करने का लक्ष्य है। ऊर्जा दक्षता प्रतिबद्ध लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और यह अनुमान लगाया जाता है कि साल 2031 तक सभी क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता उपायों के लिए लगभग 13 लाख करोड़ के निवेश की आवश्यकता होगी। इस वित्त पोषण के अवसर और क्षमता को हासिल करने के लिए, बीईई ने सुविधा केंद्र की स्थापना कर आईटी-पोर्टल “एडीईटीई” को लॉन्च किया है ताकि अर्थव्यवस्था के सभी प्रमुख क्षेत्रों को लाभान्वित करने वाले एजिंसियों को एक साझा मंच प्रदान कर उनकी सहायता की जा सके।
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो सदेव भारतीय अर्थव्यवस्था के ऊर्जा आधिक्य को कम करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ विकासशील नीतियों और रणनीतियों में सहायता करता रहा है।