स्कूल संचालक ने मृतक आर्यन का पहले हाथ पैर बांधकर बनाया वीडियो उसके बाद की निर्मम हत्या

मुख्य आरोपी स्कूल संचालक समेत सहयोगी सभी छह आरोपी गिरफ्तार

वीडियो के सहारे फिरौती की रची थी साजिश, लेकिन पुलिस की चौकसी से नहीं लगा पाया शव ठिकाने: पुलिस कप्तान शैलेन्द्र सिंह चौहान

प्रमोद भदौरिया

भिण्ड। विगत आठ नवंबर 2022 को दिन मंगलवार को 11 वर्षीय आर्यन पुत्र धीरेन्द्र शर्मा निवासी निवासी श्री रानमगर अटेर रोड़ भिण्ड अपने घर के बाहर खेल रहा था तभी स्कूल संचालक पवन दैपुरिया ने साजिश रची कि आर्यन का अपहरण कर फिरौती की माँग कर अपने ऊपर चल रहे लाखों रूपये के कर्ज को चुकाया जा सकता है, उसी अंधभक्ति में आर्यन को बुलाकर स्कूल में ले गया जहाँ उसके हाथ पैर बाँधकर उसका वीडियो बनाया, उसके बाद उसने पकडऩे से पहले यह तो तय कर लिया था कि आर्यन को मौत के घाट उतारकर उसके परिजनों को वीडियो दिखाकर फिरौती की माँग कर लेगें, लेकिन कहते हैं कि मौत बोलती है, हुआ वही जो राम रच राखा,उपरोक्त उद्गार पुलिस कप्तान शैलेन्द्र सिंह चौहान ने पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित पत्रकारवार्ता में कही। पत्रकारवार्ता के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलेश कुमार खरपूसे, सीएसपी निशा रेड्डी मौजूद रही।

पुलिस कप्तान शैलेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि फरियादी धीरेन्द्र शर्मा निवासी श्रीरामनगर अटेर रोड भिण्ड जो कि 21 वीं वाहिनी एसएएफ जिला खेरागढ़ छत्तीसगढ़ में प्रधान आरक्षक के पद पर तैनात है, देहात कोतवाली आकर विगत आठ नवंबर 2022 मंगलवार को अपने 11 वर्षीय पुत्र आर्यन शर्मा के गुम होने की सूचना लिखित में दी, जिस पर से अपराध पंजीबद्ध किया गया। पुलिस कप्तान शैलेन्द्र सिंह चौहान ने घटना की गम्भीरता को देखते हुये स्वंय अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलेश कुमार खरपूसे नगर पुलिस अधीक्षक निशा रेड्डी के साथ बच्चे की तलाश में जुट गये, थाना देहात पुलिस के साथ-साथ थाना सिटी कोतवाली भिण्ड सायबर सेल की टीम को भी बच्चे की तलाश में लगा दिये गये, पुलिस द्वारा आसपास के सीसीटीवी कैमरे चैक किये गये तथा दो टीमें ग्वालियर व इटावा रवाना की गयी, दिनांक 09 नवंबर को सुबह आरकेडी स्कूल के पास खाली प्लाट में प्लास्टिक की बोरी में एक बच्चे के शव पड़े होने की सूचना मिली, मोहल्ला समेत पुलिस महकमा में सन्नाटा सा छा गया, तभी घटनास्थल पर पुलिस कप्तान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी पहुंचकर स्वयं मोर्चा संभालकर आरोपी की पतारसी का जिम्मा लिया गया, पुलिस द्वारा घटना स्थल के आसपास एवं बच्चे के सम्पर्क में रहने वालों से जानकारी एकत्रित की गयी तथा आधुनिक तकनीकि व डॉग स्क्वॉड टीम द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण कराया गया, पुलिस द्वारा घटना में बिन्दु बाई बिन्दु मिलाकर मुखबिर तंत्र सक्रिय कर आरोपी तक पहुंचने का प्रयास किया तो पुलिस द्वारा आरकेडी स्कूल के संचालक पर संदेह गहराता गया, जिसे हिरासत में लिया जाकर पुलिसिया अंदाज में बारीकी से पूछताछ की गयी तो उसने अपने 5 अन्य साथियों के साथ जुर्म करना कबूल किया
आरोपी बोला कि कर्ज ने बनाया मुझे इस घटना का मास्टरमाइंड पुलिस गिरफ्त में आते ही मास्टर माइड पवन दैपुरिया ने बताया कि वर्ष 2019 में कॉविड लॉकडाउन होने से वह आर्थिक तंगी में आ गया था तथा क्रिकेट का ऑनलाईन सटटा भी खेलने लगा, जिससे और भी कर्जा बढ़ता गया, उसने जिन लोगों से पैसे ब्याज पर उधार लिये थे वह चुकाने के लिये और लोगों से पैसे उधार ले लिये कर्ज ज्यादा होने से कर्जदार उस पर पैसे वापस करने के लिये दबाव बनाने लगे।

स्कूल संचालक ने कैसे बनाई अपहरण की रणीनीति
मृतक बालक आर्यन एसएएफ पुलिस में छत्तीगढ़ में पोस्टेड थे, जिनके पास पर्याप्त धन होने की जानकारी उक्त स्कूल संचालक के पास सटीकी थी, इसलिए उसने आर्यन का अपहरण करने की योजना बनाई ताकि पैसे का इंतजाम शीघ्र अतिशीघ्र हो सके, करीब तीन-चार दिन पहले स्कूल के पास रहने वाले मृतक बालक के पिता धीरेन्द्र शर्मा छुटटी पर आये था इसी अवसर का आरोपी स्कूल संचालक ने फायदा उठाया और गुरूनानक पर्व होने से स्कूल में अवकाश होने से स्कूल में कोई नहीं था, आरोपी स्कूल संचालक ने बच्चे को चाकलेट का लालच देकर इशारे से बुलाया और उसे रस्सी से खेल-खेल में बांध दिया, उसके बाद उसका वीडियो बनाया, फिरौती हेतु वीडियो बनाकर योजना के अनुसार उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी, मोबाईल में इंटरनेट न होने के कारण वीडियो बच्चे के परिजनों को नहीं भेजा जा सका, लाश को ठिकाने लगाने के लिये उसने अपने साले व अन्य आरोपियों का सहयोग लिया, योजना के अनुसार दो लोगों के साथ मोटर साईकिल से रात्रि में स्कूल पर आया, स्कूल संचालक द्वारा शव को उठाकर स्कूल की छत से बगल में पड़े बाली प्लाट में फेंक दिया था, उपर से फेंके गये शव को दोनों रिश्तेदारों द्वारा उठाकर ठिकाने लगाना था। पुलिस पर नजर रखने के लिये एक लोग को लगाया गया था। किन्तु पुलिस की सक्रियता एवं घेराबन्दी के कारण शव को दोनों रिश्तेदार नहीं उठा पाये और खाली प्लाट में ही छोडक़र भाग गये, मामले में आरोपी स्कूल संचालक समेत सभी छह आरोपीगणों को हिरासत में लिया गया है। घटना में प्रयुक्त मोटरसाईकिल प्लास्टिक की बोरी रस्सी को जब्त कर लिया गया है।

घटना में शामिल आरोपीगण
आर्यन की हत्या में शामिल आरोपीगण,पवन उर्फ बालकृष्ण शर्मा पुत्र राधाकृष्ण शर्मा उम्र 33 साल निवासी रामकृपा मैरिज गार्डन के पास अटेर रोड भिण्ड, शैलेष उर्फ शैलू बोहरे पुत्र राधेश्याम बोहरे उम्र 23 साल निवासी वीरसेन का फार्म अटेर रोड भिण्ड, दीपू पुत्र राधेश्याम बोहरे उम्र 19 साल निवासी वीरसेन का फार्म अटेर रोड भिण्ड, मधुर कटारे पुत्र कमलेश कटारे उम्र 22 साल निवासी बीरेन्द्र नगर भिण्ड, धीरज पुत्र अंगद कांकर उम्र 19 वर्ष निवासी वीरेन्द्र नगर भिण्ड, विश्राम पुत्र रामसेवक शर्मा उम्र 42 साल निवासी मातादीन का पुरा अटेर रोड भिण्ड होना बताया गया है, प्रकरण में अन्य छानबीन की जा रही है।

उक्त कार्यवाही में इन लोगों की रही विशेष भूमिका
उक्त सरहानीय कार्य में देहात थाना प्रभारी विनोद सिंह कुशवाह शहर कोतवाली प्रभारी जितेन्द्र मावई, उपनिरीक्षक रविन्द्र सेंगर, उपनिरीक्षक आलोक तोमर, उनि दीपेन्द्र यादव, उनि शिवप्रताप सिंह, उपनिरीक्षक रवि तोमर, उनि रविन्द्र तोमर, उनि आशीष यादव, सउनि सत्यवीर सिंह, केशव भदौरिया, मृगेन्द्र जादौन, सोनेन्द्र, गुरूदास, सुमित वोनर, आर ज्ञानेन्द्र मिश्रा, अभिषेक गुप्ता, सन्दीप राजावत, बृजनन्दन प्रदीप भदौरिया, रवि यादव की सराहनीय भूमिका रही।

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