पुस्तकें देती हैं ज्ञान और मनोरंजन : डॉ. सेंगर

-श्रीधर उपाध्याय की कृति भावनाएं हुई विमोचित
– सम्मान और कवि सम्मेलन आयोजित

भिण्ड, 04 जनवरी । पुस्तकें मानव जीवन में महत्वूपर्ण हैं, जो ज्ञान के साथ मनोरंजन भी देती हैं। यह बात साहित्यकार श्रीधर उपाध्याय की प्रकाशित कृति भावनाएं (काव्य एवं लेख) के विमोचन एवं सम्मान समारोह के अवसर पर गायत्री मन्दिर कुम्हरौआ में अध्यक्षता कर रहे डॉ. सुखदेव सिंह सेंगर ने कही। समारोह के मुख्य अतिथि राधेश्याम शर्मा ने कहा कि श्रीधर उपाध्याय को मैं लम्बे समय से जानता हूं, लेकिन आज जान पाया हूं कि वह जीवनोपयोगी प्रेरक साहित्रू का सृजन करने में अग्रणी हैं। विशेष अतिथि डॉ. विनोद सक्सेना ने बताया कि पुस्तकों के अध्ययन से व्यक्ति दीक्षित होता है, तो जीवनभर शिक्षा भी लेता रहता है।

मुख्य वक्ता डॉ. गजेन्द्र सिंह परमार ने पुस्तक समीक्षा करते हुए व्यवहृत करने योग्य प्रेरण बताया। अतिथियों द्वारा सरस्वती प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलित और माल्यार्पण पश्चात गजेन्द्र सिंह आचार्य की सरस्वती वंदना के पश्चात अतिथियों का स्वागत हरभुवन सिंह तोमर डीईओ, राजीव किशोर उपाध्याय, डॉ. अखिलेश उपाध्याय, डॉ. अवधेश सोनी, विनय उपाध्याय ने माल्यार्पण कर किया। स्वागत भाषण संजय उपाध्याय ने दिया। गायत्री मन्दिर कुम्हरौआ के मुख्य ट्रस्टी बच्चू सिंह नरवरिया एवं जिला संयोजक सत्येन्द्र सिंह राजाव, कृतिकार श्रीधर उपाध्याय, का सम्मान पत्र, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। इसी अवसर पर डॉ. शशिबाला राजपूत, मुख्य ग्रंथी गुरूद्वारा भिण्ड बनवारी सिंह, सोनू चौहान ने भी शॉल उढ़ाकर उपाध्याय को सम्मानित किया।

कवि सम्मेलन की श्रृंखला डॉ. शिवेन्द्र सिंह, हरीबाबू शर्मा निराला, प्रदीप बाजपेयी युवराज, शिवबहादुर सिंह शिव, अंजुम मनोहर, डॉ. शशिबाला राजपूत, डॉ. गजेन्द्र सिंह आचार्य, डॉ. गजेन्द्र सिंह परमार नेभी काव्य पाठ किया। साहित्य प्रेमी श्रोताओं और कार्यकर्ताओं से खचाखच भरे मन्दिर हॉल में अािकारी, कर्मचारी, संभ्रांत नागरिक, परिवारजन आदि उपस्थि रहे। समारोह समापन पर अतिथियों एवं आगंतुक साहित्य प्रेमियों का आभारत राजीव किशोर उपाध्याय जेडी ने व्यक्त किया। भोजन प्रसादी भी अवसर पर सभी आगंतुकों ने ग्रहण की।

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