गुमनाम नायक: पत्रकार और उनके परिवार!

पत्रकारिता एक महान पेशा है जो कहानियों को आकार देने, सच्चाई को उजागर करने और परिवर्तन को प्रज्वलित करने की शक्ति रखता है। जबकि पत्रकार केंद्र में हैं, हम अक्सर उनकी कलम और कैमरे के पीछे के गुमनाम नायकों- उनके परिवारों- को नज़रअंदाज कर देते…
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दुर्गम गांव में नेटवर्क भी मुश्किल है

निशा दानू कपकोट, उत्तराखंड कभी कभी ऐसा लगता है कि एक भारत में दो देश बस रहा है. एक वह भारत जो शहरीकरण का रूप है. जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी से सुसज्जित सभी सुविधाएं मौजूद हैं. जहां जीने की सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं. जहां उन्नत सड़कें,…
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भाजपा सरकार में संविधान और संविधान को मानने वाले खतरे – सज्जन वर्मा

अटेर/भिड़ अटेर विधानसभा में तोर के पुरा में कांग्रेस की संविधान बचाओ संकल्प सभा में कांग्रेस पार्टी के पूर्व मंत्री वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने जमकर निशाना साधा श्री वर्मा ने मणिपुर के हालातों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी पर…
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बिहार में खेल के क्षेत्र में सुधार की कवायद

रिंकु कुमारी मुजफ्फरपुर, बिहार एक समय था जब कहा जाता था, ‘पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे बनोगे खराब’. मगर बदलते समय के साथ इस कहावत के मायने बदल गये हैं. अब ‘खेल-खेल में पढ़ाई’ पर जोर दिया जाने लगा है. खेल के क्षेत्र में कैरियर…
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