अब कहाँ चले गए वरद मूर्ति मिश्रा ?

सुबोध अग्निहोत्री शासकीय नौकरी से इस्तीफा देकर चर्चाओं मे आये वरद मूर्ति मिश्रा विधानसभा चुनाव के ऐन मौके पर गायब हैं। आईएएस से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने सरकार व सरकारी तंत्र पर तमाम आरोप लगाकर वास्तविक भारत पार्टी के गठन का एलान कर…
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अपने आशीर्वाद प्रदान किया तो विकास में कोई कसर नहीं छोडूंगा- लाल सिंह आर्य

गोहद विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी लाल सिंह आर्य ने ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंपर्क करते हुए भाजपा के लिए मांगा समर्थन
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खेलकूद की जगह घर के कामों में उलझा दी गई किशोरियां

सिमरन सहनी मुजफ्फरपुर, बिहारहाल ही में संपन्न हुए एशियाई खेलों में भारत ने पहली बार मेडलों का शतक लगाते हुए नया कीर्तिमान गढ़ दिया. इस एतिहासिक सफलता में पुरुष खिलाड़ियों के साथ साथ भारत की महिला खिलाड़ियों का भी बराबर का योगदान रहा…
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क्या है इस समाज में?

काजल गोस्वामी कक्षा - 10वीं गरुड़, उत्तराखंडलड़की ही जन्म देती है लड़की ही सिखाती है मगर जब निर्णय की बारी आती फिर लड़की क्यों पराई हो जाती क्या है इस समाज में? जहां लड़के को ही पूजा जाता है जब हो किसी लड़की पर अत्याचार फिर भी…
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हम सब हिंदुस्तानी हैं

महिमा जोशी कन्यालीकोट, उत्तराखंडना पूछो ज़माने से कि क्या हमारी कहानी है हमारी पहचान बस इतनी है कि हम सब हिंदुस्तानी हैं देश से करते प्यार इतना कि जान भी गंवाई है मत पूछो हम कौन हैं? हम सब हिंदुस्तानी हैं नेहरू, गांधी और…
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संसाधनों के बावजूद क्यों विकसित नहीं है उत्तराखंड?

मंजू धपोला कपकोट, उत्तराखंड किसी भी राष्ट्र या राज्य की उन्नति उसके संसाधनों पर भी बहुत हद तक निर्भर करती है. एक ओर जहां यह आय का प्रमुख स्रोत बनता है वहीं दूसरी ओर नागरिकों के जीवन को भी सुगम बनाता है. इसके बिना विकास की कल्पना अधूरी…
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क्यों लड़कियों को पढ़ाने के लिए समाज गंभीर नहीं हैं?

भारती देवी पुंछ, जम्मू वर्षों बीत जाते हैं यह सुनते सुनते की किशोरियों और महिलाओं पर आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं. दुनिया में इतनी तरक्की हो रही है जिसमें महिलाओं एवं किशोरियों का विशेष योगदान रहा है. फिर भी आज 21वीं सदी में भी महिलाएं…
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मानसिक रोगी भी मूलभूत सुविधाओं के हकदार हैं

आरती शांत डोडा, जम्मूभारत जैसी बड़ी संख्या वाले देश में दिव्यांगों की भी एक बड़ी तादाद है. अगर आंकड़ों की बात करें तो 2.21 प्रतिशत भारतीय आबादी किसी न किसी तरह की दिव्यांगता की शिकार है. इसका अर्थ है कि भारत में 2.68 करोड़ लोग…
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बेटियां

वर्षा आर्या उम्र - 13 वर्ष कपकोट, उत्तराखंड  बेटी होती घर की लक्ष्मी, बेटी है प्रकृति का उपहार, बेटी का करो सम्मान, आगे बढ़ कर बनेगी महान, बेटी को जब पढ़ाओगे, समाज में इज़्ज़त पाओगे, बेटी हर घर की हरियाली, याद करेगी सबको प्यारी,…
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क्या मैं समाज के लिए अभिशाप हूँ?

शिवानी उम्र - 13 वर्ष उतरौड़ा, उत्तराखंड  बेटी का हर पल सुंदर, फिर वह कैसे है बोझ? क्यों करते हो उसके साथ भेदभाव? क्यों समझते हो उसको अभिशाप? बेटी को भी जीवन जीने दो, पढ़ लिख कर आगे बढ़ने दो, खुले आसमान में उड़ने दो, उसको भी…
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