रांची के जलसा ए दस्तार बंदी में हाफ़िज़ ए क़ुरआन को मिली सनद और पगड़ी बांध कर दिया गया सम्मान
रांची/ नई दिल्ली (ब्यूरो चीफ/अनवार अहमद नूर) रांची के मदरसा दारुल क़ुरान में जलसा ए दस्तार बंदी में हाफ़िज़ ए क़ुरआन को हाफ़िज़ की सनद और पगड़ी बांध कर सम्मान किया गया। मुफ़्ती व उलमा हज़रात ने हाफ़िज़ अनस बिन नौशाद सहित 20 हाफ़िजों को सम्मानित किया। बता दें कि हाफ़िज़ अनस, क्षेत्र के मशहूर और लोक सेवा समिति के अध्यक्ष मोहम्मद नौशाद खान के बेटे हैं।
मदरसे में आयोजित इस दीनी जलसे में जहां उलमा हज़रात के मुबारक हाथों से सनद देने और दस्तारबंदी की रस्म अदा की गई वहीं उलमा हज़रात ने इन हाफ़िज़ों से उम्मीद ज़ाहिर की वह इल्म का चिराग रोशन रखेंगे। और हाफ़िज़ ए कराम समाज और देश का नाम ज़रूर रौशन करेंगे। जलसे में मौजूद सभी के चेहरों पर खुशी छाई हुई थी। जलसे के बाद हाफ़िज़ों के घर वालों ने खुशी ज़ाहिर करते हुए अल्लाह का शुक्र अदा किया।
लोक सेवा समिति के अध्यक्ष मोहम्मद नौशाद खान ने बेटे के हाफ़िज़ बनने के बाद कहा कि मुझे भी बहुत खुशी हुई कि मेरा बेटा अनस बिन नौशाद हाफ़िज़ ए क़ुरआन हो गया और उसको उलमा हज़रात ने उपाधि और सम्मान दिया। इसके लिए मदरसा दारुल उल कुरआन रांची और इसके तमाम कारकुनों, ज़िम्मेदारों के साथ मुफ़्ती नज़रे तौहीद साहब, मुफ़्ती शोएब हज़रत , जनाब तल्हा नदवी, क़ारी शोएब साहब और सारे यहां के उलमा, हाफ़िज़ व इमामों का शुक्रिआ अदा करता हूं। हाफ़िज़ों और उनके मां बाप व परिवार वालों को मुबारकबाद मिलने का सिलसिला जारी है।