संस्थागत प्रसव बढ़ाने के साथ ही गुणवत्ता पर हो विशेष ध्यान
महिला अस्पताल में दिया जा रहा एसबीए प्रशिक्षण
बस्ती – सीएमओ डॉ. आरपी मिश्र ने कहा है कि एक ओर जहां संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जाना चाहिए वहीं स्वास्थ्य केंद्रों पर गुणवत्तापूर्ण प्रसव सुविधा पर विशेष जोर दिए जाने की जरूरत है। महिला के गर्भवती होने से लेकर प्रसव व उसके उपरांत होने वाली समस्याओं पर नियंत्रण करके जच्चा- बच्चा की मृत्यु दर को न्यूनतम किया जा सकता है। उन्होंने यह बाते जिला महिला अस्पताल के हौसला प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित स्किल बर्थ अटेंडेंट (एसबीए) के छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अवसर पर कहीं।
मुख्य प्रशिक्षक डॉ. मनीषा ने बताया कि महिला के गर्भधारण से ही विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। प्रत्येक गर्भवती की कम से कम चार एएनसी आवश्यक है। एएनसी के दौरान शुगर, बीपी, प्रोटीन यूरिया आदि बेसिक जांच जरूर कराएं। हाईिरस्क प्रेग्नेंसी की महिलाओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ऐसी महिलाओं का प्रसव चिकित्सक के परामर्श के अनुसार पर्याप्त सुविधाओं वाले उचित प्रसव केंद्र पर ही होना चाहिए।
चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कन्नौजिया ने बताया कि समय से पूर्व व मानक से कम वजन के नवजात पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। प्रसव के बाद अगर बच्चा रोता नहीं है, या सांस लेने में समस्या है तो उसे तत्काल हॉयर सेंटर के लिए रेफर करना चाहिए। इसके लिए 102/108 एम्बुलेंस की सुविधा मरीज को उपलब्ध कराएं।
चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीके सिंह ने कहा कि प्रसव कक्ष में इंफेक्शन कंट्रोल के लिए गाइड लाइन का पालन करें। बॉयोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट का पूरा ध्यान रखें। नर्स मेंटर प्रियंका सिंह व स्टॉफ नर्स बबिता ने भी प्रशिक्षण दिया। छह दिन के सैद्धांतिक प्रशिक्षण के बाद अस्पताल में 16 दिवसीय प्रयोगात्मक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. केडी पांडेय, चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधांशु द्विवेदी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक राकेश पांडेय, डीपीएम दुर्गेश मल्ल, यूनिसेफ के डिविजनल कोआर्डिनेटर सुरेंद्र शुक्ला, जिला क्वालिटी कंसल्टेंट डॉ. अजय, डॉ. मैत्री, राजकुमार और मीरा शुक्ला प्रशिक्षण में प्रमुख तौर पर मौजूद रहीं।