कानपुर वासियों को वर्ष 2022 ने दिए बड़े जख्म,पत्थर खाकर भी भूले

कानपुर, 26 दिसम्बर। साल 2022 ने कानपुर वासियों को कई बड़े जख्म दिए। जिसे भूल नहीं पायेंगे। पत्थर खाने के बाद भी यहां के लोग अपने काम में लगे हुए हैं और प्रदेश को आगे ले जाने के लिए प्रतिदिन प्रयास कर रहें है। उत्तर प्रदेश का उद्योग एवं अर्थ जगत की हृदय स्थली कानपुर वासी अपने कार्य में मशगूल थे। वहां अचानक 3 जून को पत्थरबाजी शुरू हो गई। पत्थरबाजी के दौरान शहर वासी जख्मी भी हुए और समाज में बेरुखी का माहौल बन गया। हालांकि पुलिस एवं प्रशासन तथा समाजसेवी लोगों के अथक प्रयास से फिर से कानपुर वासी पत्थरबाजी का दर्द भूलकर अपने काम में लग गए।

दो अक्टूबर को वर्ष 2022 ने दिया बड़ा दर्द
कानपुर के साढ़ थाना क्षेत्र के कोरथा गांव निवासी श्रद्धालु ट्रैक्टर-ट्राली से फतेहपुर में चंद्रिका देवी मंदिर गए थे। वाहन में करीब 50 लोग सवार थे। वापस लौटते समय साढ़ और गंभीरपुर गांव के बीच सड़क के किनारे तालाब में ट्राली पलटने से 26 की मौत हो गयी थी। कई लोग घायल हो गए थे। इस हादसे में एक घर सूना हो गया। हालांकि केन्द्र एवं राज्य सरकार ने जख्म भरने का पूरा प्रयास किया। लेकिन यह जख्म कभी न भर पाएगा।

दो अक्टूबर को ही कानपुर के चकेरी थाना के अहिरवां गांव के पास हुए सड़क हादसे में पांच लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि एक बच्चे समेत 10 लोग घायल हुए थे। 16 दिसम्बर को कानपुर के फजलगंज थाना क्षेत्र में एक फैक्ट्री में आग लगने से 3 लोगों की जान चली गई। हादसे में अग्निशमन दल के लोगों ने पांच लोगों को आग से बचाया था। वर्ष 2022 ने कई छोटे जख्म भी दिए है। जिसे कानपुर वासी नहीं भूल पाएगे। लोग जीवन यापन करने के लिए प्रति दिन प्रयास कर रहे है। वे भूल नहीं पायेंगे। News Source : News Agency (Webvarta)

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