1857 क्रान्ति के रणबांकुरो का उकेरा मनमोहक चित्र

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास जिन अमर शहीदों के लहू से लिखा गया, उनमें बस्ती जनपद की अनगिनत आबादी ने भी अपना योगदान दिया था। और इस विद्रोह के अन्त में ईस्ट इंडिया कम्पनी का भारत में शासन खत्म हो गया । मगर इस तथ्य से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आज़ादी की लड़ाई में कंधे से कंधा मिला कर जिन गुमनाम क्रांतिवीरों तथा वीरांगनाओं ने सहयोग और समर्थन दिया, उनका तो कहीं जिक्र भी नहीं मिलता। दुर्भाग्य से उनमें से ज्यादातर को भुला दिया गया। जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष में अपना सर्वस्व बलिदान किया और देश की जनता पर अमिट छाप छोड़ी।

बस्ती जिले के सन 1857 के क्रांतिकारियों की छवियो को जनमानस में जीवंत करने के लिए जिले के प्रसिद्ध चित्रकार चन्द्र प्रकाश चौधरी ने कागज पर जलरंग माध्यम से बहुत ही मनमोहक चित्र उकेरा है, जिनमें अमर शहीद राजा शिवगुलाम सिंह, नगर के राजा उदय प्रताप सिंह, अमौढ़ा के राजा जालिम सिंह, महारानी तलाश कुंवरि की पेंटिग प्रमुख है। चित्रकार चन्द्र प्रकाश चौधरी बताते हैं कि आजादी के मतवालो का चित्रांकन करने का प्रमुख उद्देश्य यही है कि युवा पीढ़ी सदा ही यथोचित सम्मान देकर शहीदों की वीरगाथाओं को स्मरण करती रहे। क्रांतिवीरों की धरती बस्ती आज भी उनकी शहादत को नमन कर गौरवान्वित होती है। जिले के लोग राष्ट्रीय पर्वों पर शहीदों की शहादतो को स्मरण करते हैं।

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