तीन दिनों से डाक विभाग का सर्वर डाउन, 25 करोड़ का लेनदेन प्रभावित

बस्ती, 01 सितम्बर,  डाक विभाग का सर्वर तीन दिनों से डाउन होने के कारण लेन-देन पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है। उपभोक्ता लेन-देन की आस में डाकघर पहुंच रहे हैं और घंटों इंतजार के बाद निराश होकर लौट रहे हैं। कर्मचारी भी अपने काउंटर पर बैठकर सर्वर ठीक होने का इंतजार करते हैं। प्रधान डाकघर के हेड पोस्ट मास्टर हरिश्चंद्र वर्मा ने बताया कि मुख्यालय से ही सर्वर डाउन है। तीन दिनों से कामकाज प्रभावित है।

जिले में एक प्रधान डाकघर के अलावा 41 उप डाकघर हैं। विभिन्न डाकघरों से करीब तीन लाख उपभोक्ता जुड़े हैं। बताया जा रहा है कि रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को डाकघर खुलने के बाद से ही सर्वर में समस्या सामने आई। यह इंतजार कुछ घंटों के बजाय दिनों में तब्दील हो गया। मंगलवार को भी पूरे दिन सर्वर डाउन रहने से लेन-देन नहीं हो सका। बुधवार को भी सर्वर ठीक होने की उम्मीद पूरी नहीं हुई। कुछ देर के लिए सर्वर चला और फिर बंद हो जा रहा था। इस तरह दोपहर तीन बजे तक सर्वर डाउन होने के कारण बुधवार को भी लेन-देन नहीं हो सका।

पैसा जमा करने या निकालने के लिए डाकघर पर पहुंचे उपभोक्ता भी सर्वर चालू होने का इंतजार करते नजर आए। कई उपभोक्ता फोन से डाक कर्मियों से सर्वर का अपडेट लेते रहे। अकेले प्रधान डाकघर बस्ती में प्रतिदिन एक से डेढ़ करोड़ रुपये का लेन-देन होता है, जो पिछले तीन दिनों से ठप है। जिले के अन्य उप डाकघरों में भी जमा और निकासी नहीं हो सकी है। इस तरह औसतन प्रतिदिन सात से आठ करोड़ रुपये का लेन-देन और तीन दिनों में करीब 24 से 25 करोड़ तक का कारोबार प्रभावित हो चुका है।

आरडी खातों पर पेनाल्टी लगने का संकट

डाकघरों में सर्वर डाउन होने के कारण बचत खातों के अलावा आरडी खातों में भी पैसा जमा नहीं हो पा रहा है। आरडी खातों में प्रतिमाह निर्धारित राशि जमा की जाती है। निर्धारित समय के भीतर पैसा न जमा होने पर एक प्रतिशत पेनाल्टी लगती है। ऐसे में 31 अगस्त तक जिन खातों में आरडी का पैसा जमा होना था और नहीं सर्वर न होने के कारण जमा नहीं हो सका है। ऐसे में पेनाल्टी का संकट भी खड़ा हो गया है। हालांकि एजेंट व उपभोक्ताओं का उम्मीद है कि सर्वर न होने के कारण आरडी का पैसा जमा न होने पर पेनाल्टी छूट मिलेगी। राष्ट्रीय अल्प बचत अभिकर्ता संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मनोज कुमार मिश्रा ने कहा कि केंद्रीय वित्तमंत्री और उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। आश्वासन मिला है कि विलम्ब शुल्क से छूट प्रदान की जाएगी। उम्मीद है आदेश जल्द ही आ जाएगा।

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