सरकार की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर : खड़गे

नयी दिल्ली, 26 जुलाई,  कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में मणिपुर पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों को आमंत्रित करने के गृहमंत्री अमित शाह के पत्र का जवाब देते हुए सरकार पर आरोप लगाया है कि उसकी कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है।

​श्री खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सदन में आकर इस मुद्दे पर जवाब देने का आग्रह करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री जी से हम सदन में आकर बयान देने का आग्रह कर रहे हैं परंतु ऐसा लगता है कि उनका ऐसा करना उनके सम्मान को ठेस पहुँचाता है। हमारी इस देश की जनता के प्रति प्रतिबद्धता है और हम इसके लिए हर क़ीमत देंगे।”

उन्होंने कहा, “​रोज़ 267 नियम के तहत विपक्षी सदस्य इस मुद्दे पर बहस का नोटिस देते हैं परंतु सत्तापक्ष में बैठे लोग ही सदन की कार्रवाई को अवरुद्ध करते हैं। विपक्ष के नेता जब चेयरमैन की अनुमति के बाद बोलने के लिए खड़े होते हैं तो स्वयं सदन के नेता बिना निवेदन और चेयर की अनुमति के बाधा डालते हैं, आसन तथा सदन की परंपरा की अवमानना करते हैं। ऐसा पूरे सदन के समक्ष और लगातार हो रहा है।”

श्री खड़गे ने अपने पत्र में कहा, “आपके पत्र में व्यक्त भावनाओं की कथनी और करनी में ज़मीन-आसमान का अंतर है। सरकार का रवैया आपके पत्र के भाव के विपरीत सदन में असंवेदनशील और मनमाना रहा है। यह रवैया पिछले कई सत्रों में भी देखने को मिला है। नियमों और परिपाटी को ताख पर रख कर विपक्ष को एक चाबुक से हाँका जा रहा है और ​छोटी घटनाओं को तिल का ताड़ बनाकर सदस्यों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया जाता है जबकि नियम यह है कि किसी सदस्य का निलंबन उसी घटना के लिए एक सत्र से अधिक तक जारी नहीं रह सकता।”

Leave A Reply

Your email address will not be published.