भारत की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट बनेंगी मीरजापुर की सानिया मिर्जा

- एनडीए में चयनित होकर जनपद का बढ़ाया मान

– टीवी मैकेनिक होने के बावजूद पिता ने दिया पूरा साथ

मीरजापुर, 22 दिसंबर, । मीरजापुर के देहात कोतवाली क्षेत्र के एक छोटे से गांव जसोवर निवासी सानिया मिर्जा ने एनडीए की महिलाओं की 19 सीट में से दूसरा स्थान प्राप्त किया है और परीक्षा में 149वीं रैंक हासिल की है। एमए की डिग्री हासिल कर सानिया के पिता शाहिद अली वर्तमान में नगर के एक इलेक्ट्रानिक शाप मेंं टीवी मैकेनिक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि उनका परिवार सामान्य जीवन व्यतीत करता आया है।

जब उन्हें पता चला कि उनकी बेटी सानिया पढ़ने में अच्छी है तो उसके लक्ष्य को अपना लक्ष्य समझ उसकी मदद करने की ठान ली। प्राइमरी से लेकर 10वीं तक की शिक्षा गांव के ही पंडित चिंतामणि दुबे इंटर कालेज में पूरी हुई। 2019 में जब सानिया ने यूपी बोर्ड की परीक्षा में जिला टाप किया तो उनका हौंसला बढ़ गया।वहीं दूसरी तरफ शाहिद ने भी हार नहीं मानी। वह दिन में दो से रात आठ बजे तक इलेक्ट्रानिक दुकान पर काम करते, इसके अलावा जसोवर गांव में भी काम करने लगे। वह बताते हैं कि प्रतिदिन 15 से 16 घंटे काम करने के बाद ढाई से तीन लाख रुपये जुटाए और सानिया को कोई परेशानी नहीं होने दी। इसके बाद सानिया ने शहर के गुरु नानक गर्ल्स इंटर कालेज से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। जब सानिया ने एनडीए में जाने की इच्छा जताई तो पैसा बाधक बनने लगा। इसके बाद प्रयागराज के मांडा स्थित रामानंद मिश्रा डिग्री कालेज में बैचलर आफ साइंस इन एजुकेशन (बीएसई) की पढ़ाई करने लगी।

प्रथम महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी से हुईं प्रेरित

सानिया मिर्जा ने बताया कि प्रारंभ में उनका इंजीनियर बनने का सपना था। इसके लिए लगन से पढ़ाई भी कर रही थी। 11वीं कक्षा में जब पहुंची तो उन्होंने करेंट अफेयर्स की पढ़ाई के दौरान देश की प्रथम महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी के बारे में जाना। बताया कि हमारे समाज में पढ़ाने से ज्यादा शादी के दहेज के लिए परिजन मेहनत करते हैं, लेकिन उनके पिता एवं मा तबस्सुम मिर्जा ने पूरी मदद की और पैसों का इंतजाम किया। इसके बाद वह सानिया की प्रेरणा स्रोत बन गईं और उन्होंने भी एनडीए में जाने की ठान ली। सानिया ने बताया कि वह शुरू से ही ऐसा करना चाहती थी ताकि वह अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणा बन सके। इसके बाद एनडीए की तैयारी में जुट गई। प्रथम प्रयास में परीक्षा पास नहीं कर पाई। इसके बाद लखनऊ स्थित सेंचुरियन डिफेंस एकेडमी से प्रशिक्षण भी लिया। सानिया ने बीते 10 अप्रैल को एनडीए की परीक्षा दी। नवंबर में लिस्ट जारी हुई जिसमें उनका नाम भी शामिल था। वह फ्लाइंग में चुनी जाने वाली दो महिलाओं में से एक हैं।

सही तैयारी व रिवीजन से सफलता की राह हुई आसान

सानिया ने बताया कि यूपी बोर्ड के विद्यार्थियों को लगता है कि वह सीबीएसई, आइसीएसई बोर्ड से पढ़ाई करेंगे तभी एनडीए में जाएंगे। ऐसा नहीं है। मां तबस्सुम ने भी एमए की पढ़ाई पूरी की है और गृहणी हैं। बताया कि बड़ा बेटा आबिद अली बीएड कर चुके हैं और छोटा बेटा राशिद अली एमएससी कर रहे हैं, जबकि सानिया सबसे छोटी हैं। यूपी बोर्ड के विद्यार्थी भी कम नहीं है, बस सही तैयारी और रिवीजन से आगे बढ़ सकते हैं। सानिया एनडीए ट्रेनिंग के लिए 27 दिसंबर को पुणे में ज्वाइन करेंगी। बताया कि अगर कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो फिर इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। खास तौर पर तब जब आपके साथ आपके माता-पिता की भी चाहत हो। सानिया की मां तबस्सुम ने कहा कि उनकी बच्ची ने माता-पिता के साथ ही जनपद का मान रखा है।

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