पेट्रोल-डीजल 15, सिलेंडर 150 रुपए घटाए सरकार : कांग्रेस

नयी दिल्ली 11 सितंबर,  कांग्रेस ने सरकार पर ईंधन के दाम अंतरराष्ट्रीय आधार पर तय करने की मांग करते हुए कहा है की विश्व बाजार में जिस तरह से कच्चे तेल और गैस के दाम घटे हैं उसके आधार पर पेट्रोल डीजल में 15-15 और गैस सिलेंडर में 150 रुपए तत्काल कम किए जाने चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने रविवार को यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वास्तविक जीडीपी बढ़ नहीं रही है और पेट्रोल तथा डीजल के दाम विश्व बाजार में घटने के बावजूद कम नहीं हो रहे हैं। उनका कहना था कि ईंधन के दाम विश्व बाजार में सात माह के न्यूनतम स्तर पर हैं और सरकार को इसका लाभ जनता को देना चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विश्व बाजार मैं कच्चे तेल के दाम के हिसाब से नहीं बल्कि चुनाव के हिसाब से ईंधन के दाम घटाती है। उनका कहना था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ते हैं तो आधी रात को पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ जाते हैं और यदि विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम कम होते हैं तो मोदी सरकार चुप्पी साध लेती है।

प्रवक्ता ने कहा कि पिछले तीन महीने में पेट्रोल डीजल के दामों में 13.33 प्रतिशत की कमी आई है और ईंधन के दाम आई कमी का लाभ किसान को तथा देश की जमात को मिलना चाहिए। इस हिसाब से सरकार अगर ईमानदारी से काम करती है तो पेट्रोल डीजल के दाम में 15 से 20 रुपए तक की तत्काल कमी आ सकती है और इसका लाभ देश की जनता को मिलना चाहिए।

प्रोफ़ेसर गौरव बल्लभ ने कहा कि पिछले तीन महीने के दौरान कच्चे तेल की कीमत में जो कमी आई है उसका लाभ जनता को मिलना चाहिए। इसी तरह से इस अवधि में गैस के दाम में भी विश्व बाजार में भारी कमी आई है और इसके हिसाब से भी जनता को लाभ मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यदि सरकार ईमानदारी से काम करती है तो देश की जनता को पेट्रोल और डीजल के दाम 15-15 रुपए घटा कर मिलने चाहिए। रसोई गैस सिलेंडर के दाम भी 150 रुपए कम किए जाने चाहिए। गैस के दाम 2022 में 13.33 फ़ीसदी घटे है और इसका लाभ भी लोगो को मिलना चाहिए।

तेल के दाम में कमी का गणित समझाते हुए उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कुल कीमत में 50 कीमत कच्चे तेल की होती है और 50 प्रतिशत कमाई सरकार की होती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि यदि डीजल 100 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है तो इसमें से 50 रुपए सीधे सरकार की जाता है।

उन्होंने कहा कि पिछले सात माह में कच्चे तेल की कीमत निम्नतम स्तर पर है और महंगाई दर छह प्रतिशत से ज्यादा बनी हुई है तो इस अवधि में तेल के दाम में आई कमी का लाभ सरकार को खजाना भरने के लिए नहीं बल्कि देश की जनता को राहत देने के लिए करना चाहिए।

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