शरद पवार फिर चुने गये राकांपा के अध्यक्ष

नयी दिल्ली, 11 सितंबर,  श्री शरद पवार को फिर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष चुना गया है। राजधानी में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में रविवार को श्री पवार को सर्वसम्मति से चार वर्षों के लिए फिर पार्टी अध्यक्ष चुना गया। महाराष्ट्र राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश भारत तापसे ने बताया कि दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित राकांपा के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन पार्टी के संस्थापकों में शामिल रहे श्री पवार को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया।

पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद श्री पवार ने महंगाई, किसान, महिला, सुरक्षा, चीन जैसे मसलों पर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लोगों से एकजुट होने और केंद्र सरकार के खिलाफ खड़े होने का आह्वान किया। उन्होंने क्षत्रपति शिवाजी महाराज का उल्लेख करते हुए कहा, “ हम केंद्र सरकार के आगे नहीं झुकेंगे।” श्री पवार ने कहा, “ राकांपा किसानों के लिए हमेशा काम करती रही है और आगे भी उनके अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी ताकत लगा देगी। कुछ साम्प्रदायिक तत्वों के कारण देश का माहौल खराब हो रहा है। अल्पसंख्यक समुदाय के लोग निशाना बनाये जा रहे हैं, इसलिए हमें सद्भाव का वातावरण बनाने का संकल्प लेना चाहिए। ”

उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि नयी पीढ़ी को नेतृत्व करने का अवसर दिया जाए। देश को शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़नी होगी। श्री पवार ने बिल्किस बानो मामले के जिम्मेदार लोगों की सजा कम करने के लिए गुजरात के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने भाजपा पर धर्म की राजनीति करने और साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश में महंगाई चरम पर है, रसोई गैस सिलेंडर जो पहले 410 रुपये मिलता था, अब यह 1100 रुपये प्रति सिलेंडर हाे गया है। पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। इनके दाम बढ़ने से हर वस्तु की कीमत पर असर पड़ा है। खाद्य तेल, खाद्यान्नों और दवाइयों की कीमतें इतनी बढ़ गयी हैं कि आम आदमी इन्हें खरीदते वक्त पसीने-पसीने हो जा रहा है।

राकांपा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने कहा कि पड़ोसी देश चीन की घुसपैठ के आगे सरकार कोई मुखर कार्रवाई क्यों नहीं कर पा रही है। यह मोदी सरकार की विफलता नहीं हो और क्या है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी ने युवाओं को निराश और कुंठित कर दिया है। उन्नीस लाख युवाओं की नौकरी दांव पर लगी है। लाखों सरकारी पद रिक्त हैं लेकिन सरकार उन पर नियुक्तियां नहीं कर रही है। देश में बेरोजगारी का आलम यह है कि हर छठे युवक के पास रोजगार नहीं है। यह सरकार धर्म के नाम युवाओं को गुमराह कर रही है। इससे सभी को सावधान रहना होगा। श्री पवार वर्ष 1999 से राकांपा के अध्यक्ष पद पर कायम हैं, उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर सर्वश्री पी ए संगमा और तारिक अनवर के साथ इस पार्टी का गठन किया था। कोरोना महामारी के कारण राकांपा राष्ट्रीय अधिवेशन दो वर्षों बाद हुआ है। श्री पवार ने राष्ट्रीय अधिवेशन को बेहतर ढंग से आयोजित करने के लिए पार्टी के युवा नेता धीरज शर्मा और सोनिया दुहान की प्रशंसा की।

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