वो परमब्रह्म है

अनुराग उपाध्याय
जब ध्यान आ जाए वासुदेव का,
तो अपने कर्मों पर ध्यान रखना,
बंसी वाला वो चक्रधारी भी है ,
यह स्मरण तुम रख लेना ।
                बंसी वाले हाथ जब उठाएंगे सुधर्शन,
                 तुम कहां तक  छिप कर भागोगे,
                 पीतांबर से तुम क्या बच पाओगे,
                  यह स्मरण रख लेना तुम ।
मुरलीधर,दामोदर,केशव,
और बहुत हैं नाम इनके,
कुरुक्षेत्र में शस्त्र हीन थे,
अधर्म को तब भी हराया।
                लाज बचाई द्रौपदी की,
                धर्म सीखाया अर्जुन को,
                पांचों पांडव जीवित रखे,
                सिंदूर बचाया पांचाली का।
योग सीखाया सब को,
स्वास्थ्य का महत्व समझाया,
परिस्थिति हो कैसी भी,
सदैव मुस्कराना सीखाया।
            बचाकर यादवों को,
            द्वारिका बसाई इन्होंने,
            ब्याह रचाकर सब से,
             कृष्ण नाम  सबको दिया।
रासलीला कालिया दहन,
वध किया था कंश का,
कलरीपट्टम सिखा कर सब को,
आत्म रक्षण करना सीखाया ।
         गांधारी का किया स्वीकार श्राप,
         मान माता पुत्र का रखा था,
         धर्म की खातिर तोडी प्रतिज्ञा,
         कुरुक्षेत्र में सुदर्शन उठाया था।
दिखा मां यशोदा को ब्रह्मांड,
परम ब्रह्म हूं मै उन्हे बताया था,
प्रेम है समान ईश्वर के जगत में,
सब को यह बताया था।
       मटकी फोड़ कर माखन चोर,
       रण छोड़ कर रण छोड़,
       केशी वध कर केशव,
       परम ब्रह्म है माधव।
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