कोर्ट में चलती रही सुनवाई, प्रेस दफ्तरों पर आईटीओ में चला नगर निगम का बुलडोज़र

डेमोक्रेटिक प्रेस क्लब, एशियन पत्रिका, विजय न्यूज़ और वैब वार्ता न्यूज़ एजेंसी सहित अनेक कार्यालयों और दुकानों को आज खंडहर में बदल दिया गया।
नगर निगम ने तानाशाही के बाद ध्वस्तिकरण की कार्यवाही।
वर्षों से करदाता संपत्तियों, प्रेस दफ्तरों को उजाड़ने, नष्ट करने का कार्य आज कर दिया गया।

नई दिल्ली।(अनवार अहमद नूर)  लोकतंत्र के आदर्शो और मूल्यों की धज्जियां उड़ाते हुए, चौथे स्तम्भ पत्रकारिता पर भी अब बुल्डोजर चला दिया गया। आईटीओ नयी दिल्ली में दर्जनों अखबारों के कार्यालयों वाली प्रेस लेन को हटाने या समाप्त करने का कार्य दिल्ली नगर निगम द्वारा आज कर दिया गया। नगर निगम ने अपने ही दस्तावेज़ों को नकारते हुए सच प्रकाशित करने वाले अखबारों के दफ्तरों को निशाना बनाया, जो पक्षपातपूर्ण कारवाई है। एक ओर आज दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में मामला चलते हुए सुनवाई चल रही थी तो दूसरी ओर नगर निगम ने बुल्डोजर चला कर ध्वस्त कर दिया।
राजधानी  दिल्ली , जहाँ न्यायपालिका, कार्यपालिका और व्यवस्थापिका के शीर्ष लोग विराजमान हैं। वहीं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया के छोटे मंझले समाचार संस्थान भी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। नई दिल्ली के  बहादुर शाह ज़फ़र मार्ग पर स्थित प्रेस लेन में अनेकों लघु एवं मध्यम समाचार पत्र पत्रिकाएं प्रकाशित होते हैं। यहां से प्रकाशित समाचार पत्रों में अधिकांश आज़ादी से पूर्व के हैं। कुछ आज़ादी के बाद के भी हैं। इन मीडिया हाउसों के पास वैध बिजली पानी, टेलीफोन कनेक्शन हैं। इसके साथ ही सभी प्रकाशन अपने भू खंड का भू कर ( प्रॉपर्टी टैक्स) भी समय से अदा करते हैं। जिसकी दिल्ली नगर निगम भुगतान रसीद उपलब्ध कराता है एवं साथ ही एक यूपिक कार्ड भी मय पत्र के पोस्टल द्वारा भू स्वामी के पास भेजता है। जिसमें पत्र के माध्यम से लिखा होता है कि उपरोक्त संपत्ति के आप स्वामी हैं। जब नगर निगम ने संपत्तियों को रजिस्टर्ड कर दिया। लगातार टैक्स लिया तो फिर उसे अतिक्रमण कैसे कह सकता है-? यह संपत्तियां एक – दो वर्षों की नहीं बल्कि 35 से 50 वर्ष तक पुरानी थीं जिन्हें आज बुल्डोजर चला कर तोड़ दिया गया। इस बीच विभिन्न माध्यमों से अवैध धनउगाही की कोशिशें की जाती रहीं। बात न बनने पर धमकी और रोजी रोटी की व्यवस्था को उजाड़ने में लग गए। और जब अभी कोर्ट में मामला चलते हुए आज सुनवाई हो रही थी तब आज नगर निगम ने अपना विध्वंसक बुल्डोजर चला दिया। लगभग 56 वह आशियाने मिटा दिए गए जो मीडिया का सच दिखा रहे थे या बहुत से रोज़गार चल रहे थे।
मैडम शिवानी ने कहा कि मीडिया के आफिसों पर बुलडोजर चलवाकर क्या साबित करना चाहते हैं ये लोग। सच को मिटाने की कोशिशें की जा रही हैं। राजेन्द्र चायवाले ने आंखों में आंसू भरकर कहा कि ग़रीब को मिटाने की कोशिशें की जा रही हैं। हम गरीबों की हाय ये सरकार ले रही है। हम 40-45 वर्षों से यहां अपनी रोज़ी रोटी चला रहे थे जिसे उजाड़ दिया गया।  डेमोक्रेटिक प्रेस क्लब ने भी इस तरह से मीडिया को सताने और उजाड़ने की कार्यवाही की कड़े शब्दों में निंदा की है।
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