पत्रकारों की सुरक्षा, संरक्षा और समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष करेगी भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति

पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने के लिए बड़ा अभियान चलाने, धरना प्रदर्शन करने के लिए पत्रकारों को जोड़ने की मुहिम है जारी" : बीरबल शर्मा (राष्ट्रीय महासचिव)

समिति ने मान सम्मान भी दिया और पत्रकारों को जुड़ने का अवसर भी
मीडिया में नए प्रवेश करने वालों का मार्ग दर्शन और उनकी रुकावटें दूर करने में भी समिति प्रमुख भूमिका निभाएगी : आशा यादव (दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष)

नई दिल्ली (अनवार अहमद नूर) अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति, दिल्ली प्रदेश की ओर से आयोजित एक बैठक में आज पत्रकारों की समस्याओं,उनकी सुरक्षा व उनके परिवारों के कल्याणार्थ बात करते हुए पत्रकारों की सुरक्षा, संरक्षा और समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष करने के संकल्प को पुनः अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति ने दोहराया। समिति की दिल्ली प्रदेश इकाई द्वारा पत्रकारों को रोज़ाना आने वाली दुश्वारियों और उनके परिवारों की समस्याओं तथा सदस्यता अभियान को लेकर हुई बैठक में पत्रकारों ने अपने अपने विचार प्रकट किए। बैठक में पत्रकार शान मोहम्मद, अब्दुर रशीद,नेहा मिश्रा, ललित देवी, रेशमा परवीन, डॉ ख़ालिद, मोहम्मद अख़लाक क़ासमी,जुगल किशोर,एम नफीस रशीद, शमशाद अली मसूदी, और असलम सलमानी सहित अनेक पत्रकारों और लेखकों ने भाग लिया।
देश भर के पत्रकारों के लिए उत्पन्न हो रही समस्याओं और चुनौतियों पर चर्चा करते हुए राष्ट्रीय महासचिव बीरबल शर्मा ने कहा कि हम विश्वास दिलाते हैं कि पत्रकार सुरक्षा और संरक्षा के लिए कड़ा संघर्ष किया जाएगा, इसके लिए सभी पत्रकारों को साथ लेकर चलना है जिसके संबंध में दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आशा यादव ने इस बैठक को बुलाया है। दिल्ली अध्यक्षा आशा यादव ने अपने संबोधन में कहा कि जल्दी ही पत्रकार सुरक्षा और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए दिल्ली में बड़ा प्रदर्शन करने की योजना है।जिसके लिए अधिक से अधिक पत्रकारों को जोड़ा जा रहा है।
वरिष्ठ पत्रकार अनवार अहमद नूर ने पत्रकारों की समस्याओं से अवगत कराते हुए समिति पदाधिकारियों से कहा कि ज़मीनी स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है। अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति की ओर से अपने उद्देश्यों और प्रमुख कार्यों को उजागर किया गया, जिसमें पत्रकारों को अपना काम करने की पूर्ण स्वतंत्रता , उनके कार्य में बाधा डालने वाले के ख़िलाफ़ कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए।  पत्रकारों के वाहनों को सभी राज्यों में टोल मुक्त किया जाए। सभी पत्रकारों को 10 लाख रूपये तक का स्वास्थ्य व दुर्घटना बीमा दिया जाए।पत्रकारों के बच्चों के लिए प्रत्येक केन्द्रीय व नवोदय विद्यालय में सीटें आरक्षित की जाएं। पुलिस को पत्रकारों की हरसंभव मदद के लिए निर्देश दिए जाएं।
पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार करने वालों के ख़िलाफ़ उसी तरह की कार्यवाही की जाए जिस तरह सरकारी कर्मचारी से अभद्रता करने पर की जाती है। पत्रकारों के कल्याणार्थ एक राजकीय कोष बने जिससे उनको 50 वर्ष की उम्र के बाद जीवनयापन हेतु पेंशन या अन्य आर्थिक मदद दी जा सके। अगर इस प्रकार का कोष पहले से ही है तो उसको सही तरीके से कार्यान्वित किया जाए, पत्रकारों को ज़िला विकास प्राधिकरण, राज्य आवास विकास व अन्य आवासीय योजनाओं में सस्ती दर पर आवास दिये जाएं। पत्रकारों के बच्चों के विवाह के अवसर पर मुख्यमंत्री की ओर से राशि दी जाए। कन्या के लिए पाच लाख रूपये की कन्यादान राशि दी जाए। पत्रकारों के बालको की उच्चशिक्षा के लिए 50 लाख तक का ब्याज मुक्त लोन दिया जाए। पत्रकारों को किसी परिवाद की स्थिति में न्यायालय में सरकारी वकील की सेवाएं दी जाएं। बैठक में समिति ने पत्रकारों को मान सम्मान भी दिया और जुड़ने का अवसर भी। जिसके लिए दिल्ली अध्यक्षा आशा यादव पूरी तरह से एक्टिव रहीं।
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