जानें, 1 से 9 महीने तक कैसे मां के गर्भ में होता है बच्चे का विकास…

मां बनना हर औरत के लिए दुनिया का सबसे खूबसूरत अनुभव होता है। कोई औरत गर्भवती होती है तो ये पल सिर्फ उसके लिए ही खुशियों से भरे नहीं होते, बल्कि परिवार और विशेषकर पिता के लिए भी ये पल आनंद से भरे होते हैं। ऐसे समय में मां को कैसा अनुभव होगा और किस महीने में बच्चे का कितना विकास होगा। ये जानने की उत्सुकता सभी को होती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि पहले से नौंवे महीने तक शिशु किस तरह अपनी मां के गर्भ में विकास करता है।

पहला महीना

  1. शिशु एक पानी भरी थैली में होता है।
  2. उसकी लंबाई मात्र 0.6 से.मी. होती है।
  3. शिशु की लंबाई व वजन में तेजी से बढ़ोतरी होती है।

 

दूसरा महीना

  1. श्रवण और दृष्टि इंद्रिया विकसित होने लगती हैं। पलकें बंद रहती हैं।
  2. चेहरे के नैन-नक्श बनने लगते हैं।
  3. दिमाग का विकास होने लगता है।
  4. नाभिनाल बनती है।
  5. हाथ-पैर की उंगलियां व नाखून बनने लगते हैं।
  6. अमाशय, यकृत, गुर्दे का विकास होता है।
  7. शिशु की लंबाई करीब 3 से.मी. और वजन 1 ग्राम होता है।
  8. गर्भाशय पेट में मुलायम गांठ की तरह महसूस होता है।

 

तीसरा महीना

  1. आकार बहुत छोटा होने से शिशु की हलचल महसूस नहीं की जा सकती है।
  2. आंखें बन चुकी होती हैं, लेकिन पलकें अभी भी बंद होती हैं।
  3. बाजू, हाथ, उंगलियां, पैर, पंजे और पैरों की उंगलियां व नाखून इस महीने में विकसित होते हैं।
  4. शिशु के वोकल कॉर्डस बन चुके होते हैं। शिशु सिर ऊपर उठा सकता है।
  5. यदि गर्भाशय के अंदर झांका जाए तो बाहरी जननांग बनते हुए दिख सकते हैं।

 

चैथा महीना

  1. शिशु की लंबाई व वजन में तेजी से बढ़ोतरी होती है।
  2. बाल आने लगते हैं और सिर पर बाल दिखने लगते हैं।

3.भौहें और पलक के बाल आने लगते हैं।

4.चमड़ी वसायुक्त होने लगती है।

 

पांचवा महीना

  1. शिशु कुछ समय गतिशील रहता है तो कुछ समय शांत।

2.एक सफेद चिकना स्त्राव शिशु की त्वचा की एम्नीओटिक पानी से रक्षा करता है।

  1. उसकी त्वचा पर झुर्रियां पड़ जाती हैं। त्वचा का रंग लाल होता है।
  2. त्वचा ज्यादा वसायुक्त बनती है।
  3. इस महीने शिशु की लंबाई करीब 25 से 30 से.मी. और वजन करीब 200 से 450 ग्राम होती है।

 

छठा महीना

  1. त्चचा अभी झुर्री भरी और लाल है।
  2. आंखों का विकास पूरा हो जाता है।
  3. पलकें खुल सकती हैं। बंद हो सकती हैं।
  4. शिशु रो सकता है, लात मार सकता है। उसे हिचकी आ सकती है।

 

सातवां महीना

  1. यदि कोई गर्भवती के पेट पर कान रखे तो शिशु की धड़कन सुनाई दे सकती है।
  2. शिशु अंगूठा चूसता है।
  3. इस महीने शिशु की लंबाई 32-42 से.मी. होती है। वजन करीब 1100 ग्राम से 1350 ग्राम होता है।

 

आठवां महीना

  1. शिशु की आंखें खुलती हैं।
  2. जागने-सोने की खास आदत के साथ शिशु सक्रिय रहता है।
  3. इस महीने शिशु का वजन करीब 2000-2300 ग्राम है और लंबाई 41-45 से.मी है।
  4. इस महीने शिशु की हलचल महसूस होती है।
  5. शिशु की लंबाई 18 से.मी. व वजन 100 ग्राम होता है।

 

नौवां महीना

  1. बच्चे की आंखें गहरी कबूतर रंग की होती हैं। जन्म के बाद रंग बदल सकता है।
  2. शिशु का सिर नीचे व पैर ऊपर की तरह होते हैं।
  3. बच्चा ज्यादा शांत रहता है।
  4. इस महीने शिशु की लंबाई 50 सेमी. है और वजन 3200-3400 ग्राम है।

 

 

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