निजीकरण के विरोध में बिजली इंजीनियर 23 फरवरी को करेंगे हड़ताल

लखनऊ 17 जनवरी ,  केन्द्र सरकार पर निजीकरण की नीतियों को प्रोत्साहन देेने का आरोप लगाते हुये बिजली इंजीनियरों ने 23 फरवरी से दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लाईज एन्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) की सोमवार को वर्चुअल बैठक में ऐलान किया गया कि देश के सभी प्रान्तों के 15 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर 23 और 24 फरवरी को केन्द्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में दो दिवसीय हड़ताल में हिस्सा लेंगे। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि 23 व 24 फरवरी को देश भर की ट्रेड यूनियनों द्वारा दी गई दो दिवसीय हड़ताल की नोटिस के साथ देश के 15 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर भी केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में दो दिन की हड़ताल में हिस्सा लेंगे।

उन्होंने बताया कि बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों की मांगों में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 वापस लेना, सभी प्रकार के निजीकरण की प्रक्रिया बंद करने, केंद्र शासित प्रदेशों खासकर मुनाफा कमाने वाले चंडीगढ़ ,दादरा नगर हवेली दमन दिउ तथा पुडुचेरी के बिजली के निजीकरण का फैसला रद्द करने, बिजली बोर्डों के विघटन के बाद नियुक्त किए गए सभी बिजली कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम के अंतर्गत लाये जाने, राज्यों में सभी बिजली कंपनियों का एकीकरण कर केरल के केएसईबी लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश के एचपीएसईबी लिमिटेड की तरह एसईबी लिमिटेड गठित करने समेत अन्य मुद्दे शामिल हैं।

बिजली इंजीनियर ने बताया कि एक फरवरी को केंद्र शासित प्रदेशों के निजीकरण के विरोध में चंडीगढ़ व पांडिचेरी के बिजली कर्मी एक दिन की हड़ताल कर रहे हैं जिसके समर्थन में देश भर में विरोध प्रर्दशन किया जायेगा। साथ ही नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स के केंद्रीय पदाधिकारी एक फरवरी को चंडीगढ़ में राज्यपाल से मिलकर निजीकरण के विरोध में ज्ञापन देंगे।
उन्होंने बताया चंडीगढ़ का बिजली विभाग लगातार मुनाफे में चल रहा है। 2020 -21 में चंडीगढ़ के बिजली विभाग ने 257 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है, चंडीगढ़ की हानियां मात्र 09.2 फीसदी हैं और चंडीगढ़ का टैरिफ हरियाणा और पंजाब से काफी कम है। ऐसे में लगातार मुनाफा कमाने वाले बिजली विभाग का निजीकरण स्वीकार्य नही है और उसके विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा।

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