दिल्ली में प्रशिक्षण संस्थान 20 नवंबर तक बंद रहेंगे: गोपाल राय

नयी दिल्ली, 14 नवंबर,  दिल्ली में प्रदूषण को काबू करने को लेकर लिए गए निर्णयों का शत-प्रतिशत पालन कराने के लिए पर्यावरण विभाग ने विस्तृत आदेश जारी कर कहा कि स्कूल-कॉलेज, कोचिंग संस्थान समेत सभी प्रशिक्षण संस्थान आदि 20 नवंबर तक बंद रहेंगे और छोटी-बड़ी सभी निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियां 17 नवंबर तक बंद रहेंगी। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में स्कूल-कॉलेज, कोचिंग संस्थान समेत सभी प्रशिक्षण संस्थान 20 नवंबर तक बंद रहेंगे और छोटी-बड़ी सभी निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियां 17 नवंबर तक बंद रहेंगी। साथ ही, दिल्ली सरकार के अधीन सभी कार्यालय, कॉरपोरेशंस और स्वायत्तशासी संस्थाएं भी 17 नवंबर तक बंद रहेंगी और अधिकारी-कर्मचारी घर से काम करेंगे। उन्होंने बताया कि इस दौरान स्वास्थ्य, पुलिस, बिजली, पानी, पब्लिक ट्रांसपोर्ट समेत सभी आपात और आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी। निजी संस्थानों को भी वर्क फ्रॉम होम के लिए एडवाइजरी जारी कर दी गई है, ताकि प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई को और मजबूती से लड़ा जा सके। सभी स्कूल, सरकारी कार्यालय और निर्माण गतिविधियां बंद करने का मकसद वाहनों और धूल से होने वाले प्रदूषण को रोकना है।
श्री राय ने पर्यावरण विभाग की तरफ से जारी आदेश के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली के अंदर बढ़ते प्रदूषण को लेकर कल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में मंत्रियों और अधिकारियों की संयुक्त बैठक हुई थी। बैठक में दिल्ली के अंदर का जो प्रदूषण है, उसको नियंत्रित करने को लेकर चर्चा हुई थी। इस दौरान डीपीसीसी के अधिकारियों ने एक प्रजेंटेशन भी दिया था। प्रजेंटेशन में साफ तौर पर दिख रहा है कि दिल्ली के अंदर दो तरह का प्रदूषण है। एक- दिल्ली के अंदर का अपना प्रदूषण है। यह प्रदूषण गाड़ियों, निर्माण कार्यों और कूड़ा जलाने की वजह से हो रहा है। दूसरा- आसपास के राज्यों में जलाई जा रही पराली से दिल्ली के अंदर प्रदूषण आ रहा है।

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि शनिवार को एक्यूआई का स्तर काफी गंभीर था, जिसमें आज कुछ सुधार हुआ है, लेकिन अभी अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर और खराब होगा। इसी के मद्देनजर कल दिल्ली सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके अनुसार, दिल्ली में सभी स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक कोचिंग संस्थान, कौशल विकास और प्रशिक्षण संस्थान, अन्य सभी प्रशिक्षण संस्थान और लाइब्रेरी आदि 20 नवंबर तक बंद रहेंगे। इसके लिए पर्यावरण विभाग की तरफ से संबंधित विभागों को आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश इंवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट-1986 के सेक्शन’-5 के तहत जारी किया गया है। शैक्षिक संस्थानों को केवल उन जगहों पर छूट मिलेगी, जहां पर पहले से ही परीक्षाएं हो रही हैं। अर्थात जहां पर परीक्षाएं हो रही हैं, वे इंस्टीट्यूट या कॉलेज खुले रहेंगे। बाकी सभी बंद रहेंगे। इसके अलावा, दिल्ली के अंदर छोटी-बड़ी सभी निर्माण और विध्वंस गतिविधियां 17 नवंबर तक बंद रहेंगी। साथ ही 17 नवंबर तक पुनः इसकी समीक्षा करके दिल्ली सरकार आगे का निर्णय लेगी।

उन्होंने कहा कि तीसरा निर्णय दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले कार्यालयों, कॉरपोरेशंस और स्वायत्तशासी संस्थाओं के सभी कार्यालय 17 नवंबर तक बंद रखने का लिया गया है। इस दौरान सभी अधिकारी व कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम रहेंगे। यानि सभी घर से ही काम करेंगे। लेकिन इस बंदी के दौरान आपातकालीन आवश्यक सेवाएं देने वाले सभी संस्थान और विभाग खुले रहेंगे। जैसे स्वास्थ्य और इससे संबंधित सभी विभाग की सेवाएं खुली रहेंगी। पुलिस, जेल, होमगार्ड, फायर सर्विस, जिला प्रशासन, डीपीसीसी, पर्यावरण विभाग, पे एंड अकाउंट कार्यालय, बिजली, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, जलापूर्ति, सैनिटेशन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट (हवाई, मेट्रो व बस) की सेवाएं जारी रहेंगी। इन आपात सेवाओं के साथ ही सार्वजनिक परिवहन को सपोर्ट करने वाली सेवाएं कार्गो, टिकटिंग, एयर फ्लाइट, डिजॉस्टर मैनेजमेंट व इससे संबंधित सेवाएं, एनआईसी और म्युनिसिपल जैसी सेवाएं जारी रहेंगी। इसके अलावा सभी तरह के कार्यालय बंद रहेंगे।

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि कार्यालयों और स्कूलों को बंद करने का मकसद वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियत्रित करना है और निर्माण साइट को बंद करने का मकसद धूल प्रदूषण को नियंत्रित करना है। इस संबंध में विस्तृत आदेश जारी कर दिया गया है। इसके अलावा, निजी संस्थाओं के लिए एडवाइजरी जारी कर दी गई है कि वे भी अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दें, जिससे कि प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई को और मजबूती से लड़ा जा सके। सभी जिला मजिस्ट्रेट और जिला पुलिस उपायुक्तों के साथ-साथ संबंधित सभी प्राधिकरण उपरोक्त निर्देशों को अक्षरशः लागू कराएंगे। पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत जारी निर्देशों का उल्लंघन करना दंडनीय अपराध होगा।

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