जब बारिश तू आये

तानिया चौरसो, गरुड़ बागेश्वर, उत्तराखंडजब बारिश जब तू आये,  कितने दिलों को भाए, पेड़ पौधे हों या धरती की हरियाली, एक सुंदर सा दृश्य स्वरूप, चारों दिशाओं में फैल जाए, नालों का नदियों में घुलना, ऊंचे पहाड़ों से झरनों का गिरना,…
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वो बिजली सी चमकती

करीना दोसाद गरुड़, बागेश्वर उत्तराखंडवो बिजली सी गरजती, वो है एक चमकता सितारा, वो लड़कियां भी आगे बढ़ेंगी,  और फिर देखेगा सारा जमाना, वो लड़ना भी सीखेगी, जिसे झेलेगा सारा जमाना, अब तक हवा बनकर चली थी, अब उसका तूफ़ान देखेगा…
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कई तानें, कई बातें सहनी पड़ती हैं

माया गोस्वामी गरुड़, उत्तराखंडकई ताने, कई बातों को ज़िंदगी में सहना पड़ता है, कभी ख़ुद को ग़लत और दुनिया को सही बताना पड़ता है, मतलब की भरी इस दुनिया में तकलीफों का फ़साना है, कभी कभी तकलीफ़ों में भी मुस्कुराना पड़ता है, ना जाने…
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रोजी रोटी की चिंता

  मीनाक्षी अहमदाबाद, गुजरात   दूर-दराज से आते हैं वो, शहर में कहीं दूर रह जाते हैं वो, मिल तो जाती है रोजी रोटी, मगर, सड़क पर ही सो जाते हैं वो, और ऊंची ऊंची इमारतों के बीच, छत के लिए तरस जाते हैं वो, शहर की इस चमक-दमक में,  दूर…
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है जुनून, है जज़्बा

प्रियंका गनीगांव, उत्तराखंडहै जुनून, है जज़्बा मुझमें कुछ कर दिखाने का, अपनी हर मुश्किल से लड़ने और भिड़ जाने का, अपने हर डर को खुद से खुद में हराने का, अपना सारा जीवन देश की सेवा में लगाने का, अपने देश की आन बान शान बढ़ाने का,…
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पहाड़ी बोलने में शर्माते

भावना कक्षा-12 कन्यालीकोट, कपकोट उत्तराखंडपहाड़ों से दूर क्या गए, पहाड़ी बोलने में शर्मा गए, कोई पूछता तुम कहां से हो? कह तो देते उत्तराखंड से हैं, लेकिन भाषा नहीं आती वहां की, अपनी ही भाषा बोलने में शर्माते हो, मगर दूसरों…
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युवाओं के प्रयास

दिव्या धपोला कपकोट, उत्तराखंडहम आज के युवा हैं हम, हमें ही कुछ करना होगा, मिलजुल कर आगे बढ़ना होगा, खेल के नये अवसर खोजने होंगे, तभी तो तो आगे बढ़ पायेंगे, आयेगी बहुत सी रुकावटें, पर हमें रुकना नहीं होगा, एक दूसरे के साथ…
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ऊंची है मंजिल मेरी

प्रियंका कोशियारी कक्षा-10 कपकोट, उत्तराखंडऊंची है मंज़िल मेरी, राह मैं ख़ुद बनाऊँगी, डगमगा जाऊँ अगर कहीं, तो फिर खड़ी हो जाऊँगी, आगे बढ़ना सीखा है मैंने, पीछे कैसे मुड़ जाऊँगी, ना मानूँगी हार कभी, सफलता तभी तो पाऊँगी,…
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मुंह सी के अब जी ना पाऊँगी

गीता देवी रोहतास, बिहारमुंह सी के अब जी ना पाऊँगी। जरा सबसे ये कह दो।। मईया कहे बिटिया बाहर न जाना। मगर मैं हर दीवार गिराऊँगी।। भैया कहे बहना चौखट ना लांघो। मगर यह जंजीर पहन न पाऊंगी।। पिता कहे बेटी मन के ना करना। मगर मैं आवाज़…
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मैं लड़कियों की बात कर रही हूँ

ज्योति गोस्वामी रोल्याना, उत्तराखंडमैं रंगों की नहीं, फूलों की बात कर रही हूँ। मैं लड़कों की नहीं, लड़कियों की बात कर रही हूँ।। क्यों नहीं मिलता लड़कियों को लड़कों जैसा अधिकार? क्यों नहीं मिलता लड़कियों को लड़कों जैसा प्यार? क्यों नहीं…
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