प्रेग्‍नेंसी में चाय पीने से काला बच्‍चा होता है पैदा? जानें साइंस और डॉक्‍टर की राय

हमारे देश में लोगों के दिन की शुरुआत चाय की चुस्‍की से ही होती है लेकिन इस लोकप्रिय पेय के बारे में कहा जाता है कि इसे पीने से गर्भस्‍थ शिशु का रंग काला हो सकता है।

भारत में रंग को लेकर काफी बातें की जाती हैं। यहां कई हिस्‍सों में काले रंग का होना मानो किसी श्राप की तरह होता है। वहीं प्रेग्‍नेंसी में ही महिलाएं इस बात का ध्‍यान रखने की कोशिश करती हैं कि उनका बच्‍चा गोरा पैदा हो और वो सब चीजें खाती हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि उनकी मदद से बच्‍चा गोरा पैदा होता है।
वहीं कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिनके बारे में माना जाता है कि उनके सेवन से गर्भस्‍थ शिशु का रंग काला हो सकता है। आगे हम आपको ऐसे ही एक पेय पदार्थ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि प्रेग्‍नेंसी में उसे लेने से बच्‍चे का रंग काला हो सकता है।

भारत में चाय सबसे पसंदीदा पेय पदार्थ है और यहां अमूमन हर इंसान के दिन की शुरुआत चाय की चुस्‍की से ही होती है। प्रेगनेंट महिलाओं का भी चाय पीने का मन करता है लेकिन वो इस बात से डर जाती हैं कि कहीं प्रेग्‍नेंसी में चाय पीने से उनके गर्भस्‍थ शिशु का रंग काला न हो जाए। आपने भी ऐसी बातें सुनी ही होंगी कि चाय या कोल्‍ड ड्रिक पीन से बच्‍चे का रंग काला पड़ जाता है। आगे जानते हैं कि क्‍या इस तरह की मान्‍यताएं सच में सही हैं।

स्किन में एक नैचुरल पिगमेंट होता है जिसे मेलानिन कहते हैं। यही पिगमेंट हमारी स्किन के कलर के लिए जिम्‍मेदार होता है। मेलानिन जेनेटिक होता है और इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि चाय पीने से रंग काला होता है इसलिए यह सिर्फ एक मिथ्‍या ही है कि चाय पीने वाली प्रेगनेंट महिलाओं के बच्‍चे का रंग काला होता है।

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