लॉकडाउन : टूट रहा है दिल्ली के लोगों के सब्र का पैमाना

 नहीं खुला तो तोड़ देंगे लॉकडाउन: ओखला मार्केट एसोसिएशन

“शराब की होम डिलीवरी लेकिन राशन की नहीं” पर अपना विरोध प्रकट करते सरकार से सहायता और दुकानों को खोलने की रखी मांग। 

अनवार अहमद नूर

नई दिल्ली,  03 जून, आख़िरकार लॉकडाउन के चलते हर तरह से परेशान हो रही दिल्ली की जनता और व्यापारी अब इस स्थिति में आ गया है कि उसकी धैर्य सीमा समाप्त होती नजर आ रही है।यही कारण है कि कई दिनों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि अनेक दुकानदार अपनी दुकानों के थोड़े शटर खोलकर आसपास ही मौजूद हैं और कुछ अपना धंधा पानी करने की कोशिश कर रहे हैं। हमने स्वयं भी कई स्थानों पर ऐसी स्थिति देखी। लेकिन जब यह खबर दिल्ली वालों में आई कि शराब की होम डिलीवरी दिल्ली सरकार द्वारा की जाएगी तो उनके सब्र का पैमाना फूट पड़ा और वह अपना विरोध प्रकट करने के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर हो गए। दिल्ली के ओखला क्षेत्र में अनेक दुकानदार ओखला मार्केट वैल्फेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में सड़कों पर निकल आए उनके हाथों में इस तरह के स्लोगन लिखे प्ले कार्ड्स थे कि भूखमरी ने उन्हें आ घेरा है उनका परिवार अब भूखे मरने की हालत की तरफ बढ़ रहा है।

इनका कहना था कि लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं और सरकार का साथ देते हुए लॉक डाउन का पालन कर रहे हैं लेकिन समझ में नहीं आता कि कैसे फैसले लिए जा रहे हैं कि शराब जैसी हानिकारक और अनावश्यक चीज़ को तो घर घर पहुंचाने का काम किया जा रहा है लेकिन राशन और खाने पीने की चीजों को बंद रखा गया है उनकी होम डिलीवरी की उचित व्यवस्था नहीं की गई है।जिसके चलते लोगों का जीवन संकट में आ गया है। यहां तक कि व्यापारी व दुकानदारों तक के परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। दुकानें बंद हुए हुए अनेक दिन गुजर चुके हैं और वह परेशान हैं।

उनकी तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दिया गया यह सरासर नाइंसाफी है। ओखला मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में बटला हाउस, हरी मस्जिद, जाकिर नगर और बाज़ार के अनेक व्यापारी अपने हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर आज शाम सड़क पर निकले और उन्होंने मांग की कि हमारी दुकानों को तुरंत खोला जाए। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने यहां तक कह डाला कि अगर सोमवार तक लॉकडाउन और हमारी दुकानें नहीं खोली जाती हैं तो हम लोग डाउन तोड़ देंगे, भले ही इसके लिए हमें जेल में डाल दिया जाए। क्योंकि हालत यह हो गई है कि हम लोग अब अपने घरों में ही भूखमरी को झेलते हुए मौत की तरफ बढ़ रहे हैं इनका कहना था कि इस क्षेत्र की लगभग 5000 दुकानें और लाखों आदमी भूखमरी के कगार पर पहुंच रहे हैं और अपने परिवार का पालन पोषण नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में सरकारों को हमारी मदद करनी चाहिए थी लेकिन सरकारें शराब जैसी चीज की तो होम डिलीवरी कर रही है लेकिन खाने पीने की चीजें और राशन की होम डिलीवरी नहीं हो रही है। राशन और खाने की सभी चीज़ों को घर घर पहुंचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।

इन दुकानदारों ने मांग रखी कि जिस तरीके से अन्य चीजों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खोल दिया गया है उसी तरह इनकी दुकानों को भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खोला जाना चाहिए।

Leave A Reply

Your email address will not be published.