राजस्थान में बिपरजॉय का असर, कई जिलों में मूसलाधार बारिश, 17 ट्रेनें रद्द, बाड़मेर के निचले इलाकों में जलभराव

जयपुर, 16 जून। अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय शुक्रवार को राजस्थान पहुंच गया है। तूफान के असर से बाड़मेर में शुक्रवार शाम मूसलाधार बारिश हुई है। इससे जिले के निचले इलाकों में पानी भर गया है। जालोर में भी तेज हवा के साथ बारिश हो रही है। जालोर में शुक्रवार सुबह तक 69 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। सरहदी जिले जैसलमेर में भी आंधी-बारिश जारी है। बाड़मेर और सिरोही में तेज हवा की वजह से पेड़ और पोल गिर गए हैं। माउंटआबू में शुक्रवार सुबह आठ से दोपहर 3 बजे तक 27 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। तापमान में भी गिरावट आई है। शाम साढ़े पांच बजे तक बाड़मेर में 30 और जोधपुर में 19 मिलीमीटर बारिश मापी गई। देर शाम अजमेर और नागौर में भी अचानक मौसम बदल गया। अजमेर शहर समेत नागौर के डीडवाना और आस-पास के इलाकों में तेज हवा के साथ बारिश हुई।

 

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार गुजरात तट से टकराने के बाद तूफान की स्पीड बहुत कम हो गई है। अब यह 12 किमी प्रतिघंटा की गति से आगे बढ़ रहा है। साइक्लोनिक स्ट्रॉर्म से डीप डिप्रेशन में बदलने के बाद इसकी इंटेंसिटी भी लगातार कम हो रही है। देर शाम या रात तक यह डिप्रेशन के रूप में और कमजोर हो जाएगा। तूफान के चलते शुक्रवार और शनिवार को मिलाकर राजस्थान के पांच जिलों में बहुत भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जबकि 13 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है।

मौसम विभाग की मानें तो राजस्थान में तूफान 16, 17 और 18 जून को सक्रिय रहेगा। बाड़मेर कलेक्टर अरूण पुरोहित ने बताया कि अगले 36 घंटे जिले के लिए अहम हैं। पाकिस्तान बॉर्डर से सटे पांच गांव बाखासर, सेड़वा चौहटन, रामसर, धोरीमना गांव के पांच हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। इधर, जैसलमेर के डाबला गांव से 100 परिवारों के 450 लोगों को शिफ्ट किया गया है। मनरेगा के काम और महंगाई राहत शिविर रुकवा दिए गए हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान के पश्चिमी और मध्य भाग में तूफान का सबसे ज्यादा खतरा है। जोधपुर यूनिवर्सिटी ने तूफान के असर वाले इलाकों में 16 और 17 जून को होने वाली सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। 17 से 19 जून को हाेने वाले स्टेट ओपन के एग्जाम भी स्थगित कर दिए हैं। मंडल रेल प्रबंधक पंकज कुमार सिंह ने बताया कि बिपरजॉय के कारण 17 जून को 13 ट्रेनें रद्द रहेंगी। इनमें अमृतसर-गांधीधाम एक्सप्रेस, जोधपुर-भीलड़ी एक्सप्रेस, भीलड़ी-जोधपुर एक्सप्रेस,जोधपुर-पालनपुर एक्सप्रेस, पालनपुर- जोधपुर एक्सप्रेस, बाड़मेर-मुनाबाव एक्सप्रेस, मुनाबाव-बाड़मेर एक्सप्रेस, 14895 जोधपुर-बाड़मेर एक्सप्रेस, 14896 बाड़मेर-जोधपुर एक्सप्रेस, 04839 जोधपुर-बाड़मेर एक्सप्रेस, 04840 बाड़मेर-जोधपुर एक्सप्रेस (ये 18 को भी रद्द रहेगी), 04843 जोधपुर-बाड़मेर एक्सप्रेस और 04844 बाड़मेर-जोधपुर एक्सप्रेस को रद्द किया गया है।

जोधपुर कलेक्टर और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अध्यक्ष हिमांशु गुप्ता ने 16 और 17 को जोधपुर के सभी शैक्षणिक संस्थाओं, कोचिंग, जिम, पर्यटन स्थल और समर कैंप को बंद रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि बिपरजॉय के कारण तेज आंधी के साथ अत्यधिक भारी बारिश का अलर्ट है। बीकानेर में बिपरजॉय के कारण तूफान और भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर सभी जिला और ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को 3 दिन तक अपने मुख्यालय पर ही रहकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। तूफान के प्रभाव से उदयपुर के महाराणा भूपाल हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग की बिल्डिंग में दूसरी मंजिल पर एलिवेशन का कांच टूट कर गिर गया। बिल्डिंग के नीचे ही दीवार के सहारे खड़ी गाड़ियों पर कांच गिरा, जिससे कारों को नुकसान पहुंचा।

मौसम विभाग के अनुसार अरब सागर में बने चक्रवात बिपरजॉय से राजस्थान के बाडमेर, जालोर, जैसलमेर, जोधपुर, पाली और सिरोही जिलों में शुक्रवार को प्रभाव देखने को मिला। पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना में 6 सेमी, नोखड़ा में 4, गुढ़ामालानी में 3, बाड़मेर में 2, छोटान में 2, जालोर जिले के चितलवाना में 7, रानीवाड़ा में 2, बागोड़ा में 1, भीनमाल में 1, पाली के सुमेरपुर में 2, जोधपुर जिले के ओसियां में 1, जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ में 1 सेमी बारिश हुई। पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी 3 सेमी तक पानी बरसा। मौसम विभाग ने 17 जून के लिए सिरोही, बाड़मेर, जालोर और पाली के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इसी के साथ अजमेर, भीलवाड़ा, राजसमंद में भी तेज हवा के साथ वर्षा होने की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण राजस्थान के निचले इलाको मे मूसलाधार वर्षा के कारण पानी भर सकता है। साथ ही तेज हवाओं से खड़ी फसलों का नुकसान भी होने की संभावना है। मौसम विभाग ने प्रभावित इलाकों में आम लोग कमजोर संरचनाए, बिजली की लाइनों और पेड़ों के नीचे खडे होने से बचने की सलाह दी है।

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