भारतीय नाविकों की हत्याओं की न्यायिक जांच होनी चाहिए : पब्लिक पोलिटिकल पार्टी

दोषी शिपिंग कंपनियों और भ्रष्टाचारी अधिकारियों के ख़िलाफ़ तुरंत कार्रवाई हो : श्रीमती दीपमाला श्रीवास्तव 

नई दिल्ली (अनवार अहमद नूर) दिल्ली के प्रेस क्लब में आए पीड़ित परिवारों ने जो रहस्योद्घाटन किया और बताया कि उनके नौजवानों को शिप पर जिस तरह से मार दिया जाता है और बाद में उनकी लाशें तक नहीं दी जाती और अगर दीं भी जाती हैं तो उनके अंगों को निकाल लिया जाता है ये बहुत घिनौना अमानवीय और बड़ा अपराध है इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए और दोषियों को तुरंत जेल में डाला जाना चाहिए, पब्लिक पोलिटिकल पार्टी उन शिपिंग कंपनियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की मांग करती है जो नियम कानूनों से खिलवाड़ करके इन हत्याओं की दोषी हैं।
पब्लिक पोलिटिकल पार्टी के मीडिया प्रभारी ने राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती दीपमाला श्रीवास्तव के हवाले से कहा है कि जो कुछ मीडिया के हवाले से उजागर किया गया है उसमें हम पीड़ित परिवारों यानि जिन्होंने अपने बेटे,भाई,या पति को खोया है उनके दुख में उनके साथ खड़े हैं। और उनको न्याय मिले इसकी मांग करते हैं। डॉ. अमृता सिंह के पति स्व० संजय चौधरी (चीफ़ इंजीनियर),स्व शिवम मलिक (थर्ड आफिसर), और स्व. जतिन मिश्रा (डैक कैडिट)की हत्या के अलावा देश भर में जितनी भी ऐसी हत्याएं हुई हैं उन सबकी न्यायिक जांच होनी चाहिए।
डॉ अमृता सिंह ने बताया है कि भ्रष्टाचार और बड़ी मिली भगत के चलते नाविकों को मर्चेंट नेवी में रोज़गार के नाम पर विभिन्न पदों पर भर्ती करके विदेश ले जाकर रहस्यमय परिस्थितियों में हत्या कर दी जाती है। जिसके पीछे शिप प्रबंधन कंपनियों का जहाजों पर होने वाली अवैध गतिविधियों जैसे ड्रग्स तस्करी,अवैध मानव व्यापार,मानव अंगों का व्यापार तथा हथियारों की स्मगलिंग मे लिप्त होना है।
उन्होंने पूरी तरह से दोषी,मैरिटाइम यूनियन आफ इंडिया (एमयूआई) तथा नेशनल सीफेरर्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनयूएसआई) पर दंडात्मक कार्रवाई और इनके लाइसेंस तुरंत रद्द करने की मांग की, क्योंकि ये मर्चेंट शिपिंग एक्ट 1958 की धाराओं का उल्लंघन करते हुए भारतीय नाविकों को गै़रकानूनी तरीके से सदस्य बनाती हैं तथा देश से बाहर जहाजों पर उनकी हत्या के पश्चात प्रबंधन कंपनियों के साथ मिलकर मुआवज़ा व बीमा की धनराशि को हड़प कर जाती हैं। साथ ही मरने वाले की लाश भी नहीं दी जाती और अगर महीनों बाद कोई डेड बॉडी दी भी जाती है तो उसमें से मानवीय अंग निकले हुए होते हैं।
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