राजस्व निरीक्षक व लेखपाल की जी-हुजूरी करने की जरूरत नहीं, अब जमीन की पैमाइश कराना आसान

 नहीं काटने पड़ेंगे तहसील के चक्कर, आरसीसीएमएस पोर्टल से होगी सहूलियत

मीरजापुर, 11 जून । सीमा संबंधी विवाद में जमीन की पैमाइश के लिए अब तहसील का चक्कर न काटना पड़े और न ही राजस्व निरीक्षक व लेखपाल की जी-हुजूरी करनी पड़े, इसके लिए राजस्व परिषद ने पैमाइश के लिए आवेदन से लेकर आदेश तक की पूरी कार्रवाई आनलाइन कर दी है। शासन से इस संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी हो चुका है। वैसे तो यह व्यवस्था एक वर्ष से लागू है लेकिन किसान जानकारी के अभाव में अभी भी तहसील का चक्कर लगाने को विवश हैं।

प्रदेश सरकार ने लोगों की सहूलियत व उन्हें दौड़-धूप से बचाने के लिए ईज आफ लिविंग प्लान के तहत यह व्यवस्था लागू की है। राजस्व संहिता की धारा-24 के अंतर्गत सीमा संबंधी विवाद के निपटारे के लिए आनलाइन प्रार्थना पत्र प्राप्त करने व उसके निस्तारण की कार्रवाइ की जाएगी। आनलाइन प्रक्रिया के लिए आरसीसीएमएस पोर्टल पर उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा-24 के अंतर्गत आनलाइन आवेदन माड्यूल का लिंक उपलब्ध कराया गया है। इस लिंक पर यूजर मैनुअल व दिशा-निर्देश की प्रति भी उपलब्ध कराई गई है।

पैमाइश के लिए आनलाइन आवेदन व 1000 रुपये शुल्क का भुगतान नेट बैंकिंग, यूपीआई के माध्यम से करना होगा। भुगतान होते ही आनलाइन आवेदन (वाद) एसडीएम न्यायालय में दर्ज हो जाएगा। इसके बाद वाद एसडीएम तहसीलदार को और तहसीलदार राजस्व निरीक्षक को स्थानांतरित करेंगे। राजस्व निरीक्षक पैमाइश की तिथि व समय तय करेंगे तथा नोटिस जारी कर तय तिथि पर पैमाइश के बाद राजस्व निरीक्षक अपनी रिपोर्ट दर्ज कर संबंधित अभिलेख व रिपोर्ट एसडीएम न्यायालय में उपलब्ध कराएंगे।

इस संबध में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व शिवप्रताप शुक्ल ने बताया कि राजस्व संहिता की धारा-24 के अंतर्गत सीमा संबंधी विवाद के निपटारे के लिए आनलाइन प्रार्थना पत्र प्राप्त करने व उसके निस्तारण की कार्रवाई लागू है। News Source : News Agency (Webvarta)

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