ध्यान करने का प्रयत्न करें और स्वंय में होने बाले परिवर्तन कों अनुभव करें – डॉ. सक्सैना

भिंड, भारत विकास परिषद्, शाखा भिंड द्वारा म.प्र. जन अभियान परिषद एवं श्री रामचंद्र मिशन हार्टफूलनेस संस्थान, कान्हा शांति वनम हैदराबाद से आये प्रशिक्षक के सहयोग से विश्व पर्यावरण दिवस 05 जून से तीन दिवसीय ध्यान शिविर का आयोजन भिंड शहर के गौरी का किनारे स्थित बिहारी पार्क, मे किया गया। यह शिविर में भा.वि.प. संरक्षक एवं कार्यक्रम संजोयक डॉ. विनोद सक्सैना जी के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। ध्यान शिविर मे प्रथम दिवस Relaxation (तनावमुक्ति), Meditation (ध्यान), दूसरे दिवस Cleaning (सफाई), तृतीय दिवस में Prayer (प्रार्थना) पर प्रशिक्षण दिया गया।


शिविर के समापन में डॉ. सक्सैना जी ने अपने विचारों कों व्यक्त करते हुए कहा आज विश्व स्तर पर व्यक्ति के अंदर धीरे-धीरे हैपीनेस समाप्त होती चली जा रही है। ध्यान के माध्यम से हम हर पल अपने हृदय का अनुसरण करते हैं। हृदय के गुणों और भावों के साथ स्वाभाविक रूप से जीना सीखते हैं। रिलैक्सेशन, ध्यान, सफ़ाई और प्रार्थना ये अभ्यास अपने आप में अनोखे हैं, हमारे विचारों और भावनाओं की जड़ें हृदय में होती हैं और उसी प्रकार हमारे हृदय की दशा हमारी मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक अवस्थाओं का निर्धारण करती है। ध्यान मानव जीवन के भौतिक और आध्यात्मिक दोनो पक्षो के सामंजस्य के लिए कार्य करता है। रिलैक्सेशन, ध्यान, सफ़ाई और प्रार्थना के वैज्ञानिक पहलुओ पर बिन्दु वार चर्चा की।
हार्टफूलनेस संस्थान से श्रीमती म्रदुला गर्ग जी द्वारा तीनों दिवस ध्यान की सिटिंग दी गई, श्रीमती शालिनी श्रीवास्तव जी ने दूसरे दिवस मे क्लीनिंग पर जानकारी देते हुए कहा यह एक अद्भुत प्रकिया है, जिसके माध्यम से ध्यान को गहराई में अनुभव कर सकते हैं मनुष्य दिनभर के कार्यों में व्यस्त रहकर उसके मस्तिष्क और मन में कई प्रकार की बुराइयां व दुष्परिणाम समाहित हो जाते हैं। तब उनको दूर करने के लिए हमें सफाई (Cleaning) की आवश्यकता होती है। यह सफाई हम शाम के समय एकांत स्थान पर ध्यान करके अपने शरीर की आंतरिक सफाई कर सकते हैं। सफाई के द्वारा हमे परेशान करने वाले अनावश्यक विचारों से मुक्ति मिलती है। तीसरे दिवस मे Prayer (प्रार्थना) पर जानकारी देते हुए कहा यह “मै का हम में रूपान्तरण” करने का कार्य करती है, प्रार्थना सोते वक्त की जाती है और सोने से पहले यह स्रोत से जुड़ने का माध्यम होती है। दिमाग को एक्टिव करने एवं वृद्धावस्था में भूलने वाली बीमारी से बच सके इसलिए वाईटर माईंड एक्सरसाइज का प्रशिक्षण दिया गया। श्रीमती शालिनी श्रीवास्तव जी ने सभी लोगों कों स्वयं ओर अपने परिवार के साथ 20 से 30 मिनिट ध्यान करने के लिए कहा तभी हमे इसके प्रभावी परिणाम प्राप्त होंगे।
इस अवसर पर सुभाष गर्ग, चंद्रभान सिंह, सुनील व्यास, देव प्रितम, पुरुषोत्तम गोस्वामी, राकेश कुमार, एन. के. गुप्ता, रेखा सोनी, राजेश कुमार, अनिल शिवहरे, आरती शिवहरे, संजय श्रीवास्तव, डॉ. एन.के. चोंधरी, शिव प्रताप सिंह भदोरिया, संदीप श्रीवास्तव, वीरेंद्र जोशी, प्रेम शर्मा कमलेश, सुखराम भारद्वाज, ओम प्रकाश अग्रवाल, अनिल शर्मा, राजमणि शर्मा, गजेन्द्र शर्मा, राधा मोहन चौबे, गिरजेश बुधौलिया, अश्वनी डंडोतिया, विजय कुमार डँगरोलिया, पी.पी. पचोरी, विनोद दूरवार, शेलेन्द्र शर्मा, राजीव सोनी, जयदीप सिंह, आदि सहित एक सेकड़ा लोग उपस्थित रहे। शिविर का संचालन जय प्रकाश शर्मा द्वारा किया गया।

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