मैं झूठी प्रबलता दिखा रहा था, हर चीज़ की एक सीमा: कोहली

दुबई, 27 अगस्त,  भारत के अनुभवी बल्लेबाज़ विराट कोहली ने अपनी फॉर्म, मानसिक स्थिति और लोगों की अपेक्षाओं के बारे में कहा है कि उन्हें एहसास हुआ कि वह ‘झूठी प्रबलता दिखा रहे थे’जबकि उन्हें आराम की ज़रूरत थी। कोहली ने अपने पांच हफ्ते के हालिया विराम के बारे में स्टार स्पोर्ट्स से शनिवार को कहा, “ 10 साल में पहली बार मैंने एक महीने तक बल्ला नहीं छुआ है। मैंने बैठकर महसूस किया कि मैंने सच में 30 दिनों में एक बार भी बल्ला नहीं छुआ। ऐसा मेरे जीवन में पहले कभी नहीं हुआ था। ”

उन्होंने कहा, “ मैंने यह महसूस किया कि मैं पिछले दिनों में ‘झूठी प्रबलता’ दिखा रहा था। मैं अपने आप को लगातार बता रहा था कि मैं यह कर सकता हूं, लेकिन मेरा शरीर मुझे रुकने के लिये कह रहा था। मेरा मस्तिष्क मुझे रुककर एक कदम पीछे लेने के लिये कह रहा है। ”

भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने हाल ही में कोहली की स्थिति के बारे में कहा था कि उनके ऊपर कार्यभार बहुत ज्यादा है, इसलिये उन्हें विराम लेने की आवश्यकता है। कोहली ने शास्त्री से सहमति जताते हुए कहा, “ मैं समझता हूं कि रवि भाई क्या कह रहे थे। वह कार्यभार के बारे में बात कर रहे थे। मैंने पिछले 10 सालों में अन्य लोगों से 40-50 प्रतिशत ज्यादा क्रिकेट खेला है। लोग मुझे मानसिक रूप से मजबूत व्यक्ति समझते हैं, जो मैं हूं भी, लेकिन हर चीज की एक सीमा होती है और जब आप उसे नहीं समझते तो यह आपके लिये हानिकारक होता है। इस ब्रेक ने मुझे बहुत कुछ सिखाया, जो बातें मैं सतह पर नहीं आने दे रहा था। जब वह बातें सामने आयीं तो मैंने उन्हें स्वीकार किया। ”

उन्होंने कहा, “ जीवन में आपके पेशे के अलावा और भी बहुत कुछ है। जब आपके आस-पास का माहौल ऐसा हो कि हर कोई केवल आपकी पेशेवर पहचान को देखता है, तो कहीं न कहीं आप एक इंसान के रूप में अपना नजरिया खोने लगते हैं। ” कोहली एशिया कप 2022 में रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ अपना 100वां टी20 मैच खेलेंगे, जिसके साथ ही वह तीनों प्रारूपों में 100 मैच खेलने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे। कोहली साल 2020 से भारत के लिये सबसे ज्यादा मैच (62) खेलने वाले खिलाड़ी भी हैं, जो उनके बढ़े हुए कार्यभार को दर्शाता है।

कोहली ने एशिया कप में अपने सफर को याद करते हुए कहा,“ एशिया कप मेरे लिये यादगार है। 183 रन की पारी मेरे लिये खास है। उस पारी के बाद मुझ पर यह बात खुली कि मैं एक बड़ी मंच पर इस तरह की पारी खेल सकता हूं। उसके बाद मेरा आत्मविश्वास बढ़ता गया। यह ऐसे मैच हैं, जो हमेशा आपके दिमाग में रहते हैं। ” उन्होंने कहा, “ पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी टूर्नामेंट में खेलना एक आम मैच की तरह ही होता है। मैदान के बाहर रोमांच होता है जिसका आप आनंद ले सकते हैं, लेकिन एक बार आप मैदान में जाते हैं तो वह आम मैच हो जाता है।शादाब.श्रवण

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