त्रिपुरा पुलिस मुख्यालय में हुई फाइल चोरी, कांग्रेस ने की न्यायिक जांच की मांग

अगरतला 17 अगस्त, त्रिपुरा पुलिस मुख्यालय में मंगलवार तड़के बड़ी संख्या में फाइलों की चोरी होने के बाद प्रदेश कांग्रेस समिति ने इस मामले की न्यायिक जांच उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायधीश से कराने की मांग की है। कांग्रेस के इकलौते विधायक और पूर्व भाजपा मंत्री सुदीप रॉय बर्मन ने मीडिया को संबोधित करते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि चोरी की यह कहानी पूरी तरह से मनगढ़ंत है क्योंकि सत्ताधारी पार्टी के विधायकों और नेताओं के कुछ मनपसंद पुलिसकर्मियों द्वारा उनके भ्रष्टाचार के सबूतों को मिटाने के लिए इसे अंजाम दिया गया है। श्री रॉय बर्मन ने आरोप लगाया कि लगभग 20-25 फाइलों में भाजपा के कुछ बड़े नेताओं के नशीले पदार्थों और तस्करी के सबूत थे जो पूर्व मुख्यमंत्री विप्लव देव के कार्यकाल के दौरान टीएसआर भर्ती में धांधली और पिछले चार वर्षों के दौरान भ्रष्टाचार की चल रही जांच से संबंधित फाइल थे, लेकिन पुलिस भाजपा के नेताओं के निर्देश पर कुछ अलग ही कहानी सुना रही है।
श्री रॉय बर्मन ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस घटना का सच सामने लाने के लिए न्यायिक जांच का आदेश देना चाहिए क्योंकि इस प्रकार की घटनाएं देश में विरले होती हैं। हमें विश्वास है कि मुख्यमंत्री हमारी मांग पूरी करेंगे और अपनी ईमानदारी साबित करेंगे कि वे सत्तारूढ़ भाजपा के भ्रष्ट गैंग के साथ नहीं हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से कम से कम 86 फाइलों की प्राप्ति की गई है और दावा किया कि गायब फाइलें महत्वपूर्ण नहीं हैं तथा नष्ट करने के लिए रखी गई थी। पुलिस ने कहा कि इस घटना में मामूली चोर शामिल थे जो इन फाइलों के पेपर को बेचकर पैसा कमाना चाहते थे, लेकिन विपक्षी दलों को इन बातों पर भरोसा नहीं है।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा भाजपा की भ्रष्ट लॉबी चोरी के मामले में दोहरा मापदंड अपना रही है- एक ओर वह मुख्यमंत्री डॉ माणिक शाहा को राज्य के गृह मंत्री के रूप में असफल साबित करने के लिए इस मामले की जांच चाहती है दूसरी ओर वह भ्रष्ट मंत्रियों, विधायकों और भाजपा नेताओं को जांच के दायरे से बाहर की कोशिश करती है। उन्होंने दावा किया कि पिछले वर्ष उनके भाजपा छोड़ने के बाद, त्रिपुरा भाजपा नेतृत्व संकट का सामना कर रही है और बिप्लव देव को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद इस दल में आंतरिक लड़ाई चरम पर पहुंच गई है और भ्रष्टाचार में लिप्त बिप्लव देव समूह बेचैनी महसूस कर रहा है क्योंकि उसे पता है कि छह महीने बाद त्रिपुरा में कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार बनेगी और पुलिस निगरानी में फाइलों की चोरी इसका स्पष्ट संकेत है।

राज्य पुलिस ने एक विज्ञप्ति जारी कर इस घटना को स्वीकार करते हुए दावा किया कि 15 और 16 अगस्त को पुलिस मुख्यालय की खिड़की तोड़कर इस चोरी को अंजाम दिया गया, जिसमें शादी संबंधित फाइलें, नष्ट करने के लिए रखी गई फाइलें और पुलिस मुख्यालय के एकांत केबिन में रखी हुई निष्क्रिय फाइलें थीं जिनकी चोरी हुई या जिसे नुकसान पहुंचाया गया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.