धोखाधड़ी व फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करवाने के बाद अब दे रहे धमकी

बस्ती में रजिस्ट्रार से मिलीभगत करके फर्जी तरीके से कराया रजिस्ट्री

बस्ती।उत्तर-प्रदेश के बस्ती जिले में इन दिनों भू-माफियों का हौंसला बुलंद है। क्योंकि, भू-माफिया रजिस्ट्रार से मिलीभगत करके धोखाधड़ी व फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करवा रहे हैं। जिस पर पीड़ित की तरफ से रजिस्ट्री कैंसल करवाने की आवाज उठाने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। बस्ती सदर के गांव बरहुंचा हवेली निवासी पीड़ित राधेश्याम व रामदयाल पुत्रगण स्व0 रामनरायन और मुराती देवी पत्नी स्व0 राम नरायन ने बस्ती सदर रजिस्ट्रार, सदर एसडीएम, लेखपाल, कानूनगो, क्षेत्राधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अडिशलन पुलिस अधीक्षक, कोतवाली थाना, पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी के साथ ही मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर उक्त रजिस्ट्री कैंसल करवाने की मांग की है। पीड़ित ने दी शिकायत में बताया कि उनका ग्राम सेखुई के गाटा संख्या-138/0.4440 हे0 खेत है, जिसकी बिक्री के लिए जामडीह पांडेय, हवेली बस्ती निवासी रविपाल सिंह पुत्र भूपाल सिंह से सात लाख रुपये में सौदा तय हुआ था।
रविपाल सिंह ने 8 अप्रैल 2022 को पीड़ित के घर आकर, उनकी माता और भाई को स्कॉर्पियो में बैठाकर सदर रजिस्ट्री ऑफिस ले धोखे से मेरे दूसरे गाटा नंबर संख्या-207/0.2510 हे0 को रजिस्ट्री करवा लिए। इसके साथ ही चैनपुरवा थाना पुरानी बस्ती निवासी धीरज शुक्ला पुत्र विनय शुक्ला ने अन्य गाटा संख्या-6/0.2510 हे0 को रजिस्ट्री करवा लिए। जबकि, धीरज शुक्ला से उनकी कोई भी बात नहीं हुई थी और रविपाल से केवल गाटा नंबर 138/0.4440 हे0 को बेचने के लिए बात हुई थी। इससे पहले इन सभी ने मिलकर 10 फरवरी 2022 को पीड़ित के घर में आग लगाई थी, जिससे पीड़ित का घर जलकर राख हो गया था। उसके बाद घर बनवाने के लिए खेत बेचने का इन सभी लोगों ने दबाव बनाया था। उसके बाद इन सभी लोगों ने मिलकर राधेश्याम के साथ यह धोखाधड़ी करते हुए रजिस्ट्री करवाए हैं।
इसमें रविपाल सिंह, धीरज शुक्ला के अलावा कृष्ण कुमार पुत्र वंश राज, मंटू उर्फ सौरभ खान पुत्र रुस्तम खान भी मिले हैं। आरोप है कि रजिस्ट्री के समय रजिस्ट्रार या अन्य अधिकारी द्वारा राधेश्याम का बयान नहीं लिया गया था कि वह कौन सा गाटा संख्या बेच रहे हैं। बताया कि उन्होंने रजिस्ट्रार से बोला भी था कि मुझे रजिस्ट्री पढ़कर सुनाया जाए, क्योंकि, वह अनपढ़ हैं। बताया कि रजिस्ट्री में सभी गवाह भी रविपाल सिंह के थे। रजिस्ट्री के करीब 10 दिन बाद जब उन्हें पता चला कि रविपाल सिंह ने गाटा संख्या 138 के बजाय 207/0.2510 हे0 और व धीरज शुक्ला ने गाटा संख्या 6/0.2510 हे0 को रजिस्ट्री करवा लिए हैं। तो रजिस्ट्री कैंसल करवाने को लेकर संबंधित अधिकारियों से शिकायत करके रजिस्ट्री कैंसल करवाने की मांग की, लेकिन अभी तक उनकी रजिस्ट्री कैंसल नहीं हुई है।
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