श्रीलंका ने भारत से 80करोड़ डॉलर की मांगी मदद

कोलंबो 24 जून,  श्रीलंका ने अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से निपटने के लिए भारत से 80 करोड़ डॉलर और मांगे हैं और भारत ने इस अनुरोध पर विचार करने की बात कही है। एक समाचार पत्र ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। दैनिक डेली एफटी ने सूचना के स्रोत का खुलासा किए बिना कहा,“श्रीलंका (गुरुवार) ने और अधिक भारतीय सहायता की मांग की है। भारत की प्रतिक्रिया अति उत्साही नहीं थी, लेकिन (यह कहा गया) इस पर उचित विचार किया जाएगा।”

विदेश सचिव विनय क्वात्रा के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को यहां राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे और विदेश सचिव अरुणी विजेवर्धने से मुलाकात की। श्री विक्रमसिंघे ने बुधवार को संसद को बताया कि भारत की हालिया सहायता चार अरब डॉलर थी लेकिन भारतीय उच्चायोग ने इसे 3.5 अरब डॉलर से अधिक बताया।

डेली एफटी को पता चला है कि कई संकटों से जूझ रहे श्रीलंका भारत से लगभग 80 करोड़ डॉलर (ईंधन के लिए 50 करोड़ और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए 30 करोड़ डॉलर ) की मांग कर रहा है। राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के मीडिया कार्यालय ने हालांकि, कहा कि भारत सरकार ‘एक करीबी दोस्त के रूप में’ मौजूदा मुश्किल स्थिति पर काबू पाने में अपना पूरा समर्थन देगा।

श्रीलंका को भारतीय क्रेडिट लाइन सुविधा के तहत आवश्यक खाद्य पदार्थ, ईंधन, दवाएं और उर्वरक प्राप्त हुए हैं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि नयी दिल्ली श्रीलंका को निरंतर सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। दोनों पक्षों ने श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को स्थिर और पुनर्जीवित करने के लिए भारतीय सहायता कार्यक्रम की भावी कार्रवाई के बारे में विस्तार से चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने विश्वास व्यक्त किया कि देश मौजूदा चुनौतियों से जल्द ही उबर जाएगा।

बैठक के बाद प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने ट्वीट किया कि वह भारत के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों की आशा करते हैं। भारतीय उच्चायोग ने कहा कि सर्वश्री राजपक्षे और विक्रमसिंघे के साथ बैठकें और दोनों पक्षों के बीच बातचीत ‘स्पष्ट, सौहार्दपूर्ण और रचनात्मक तरीके से’ हुई। दोनों पक्षों ने भारत-श्रीलंका निवेश साझेदारी को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसमें बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र तथा दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को गहरा करना शामिल है। भारत द्वारा प्रदान की गई विकास सहायता पांच अरब डॉलर से अधिक है, जिसमें 60 करोड़ डॉलर से अधिक अनुदान हैं, जिसमें श्रीलंका अद्वितीय डिजिटल पहचान परियोजना शामिल है। भारत श्रीलंका के लिए पर्यटन का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है।

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