तमिलनाडु में 42 वर्षीय अध्यापक ने की आत्महत्या
करूर, 25 नवंबर, तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले में 12वीं कक्षा की छात्रा के यौन उत्पीड़न से परेशान होकर कथित तौर पर आत्महत्या करने के कुछ ही दिन बाद बुधवार देर रात उसी स्कूल के एक 42 वर्षीय अध्यापक ने अपनी ससुराल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने गुरुवार को यहां बताया कि मृतक की पहचान सरवनन के रूप में हुई। वह कुरूर के एक निजी स्कूल में गणित के अध्यापक के पद पर कार्यरत थे। अध्यापक ने बुधवार अपराह्न स्कूल प्रबंधक से बाहर जाने के लिए एक घंटे का समय मांगा और अनुमति मिलने के बाद अध्यापक चले गये, लेकिन उसके बाद वह स्कूल वापस नहीं लौटे। उनका फोन बंद हो जाने पर परिवार के सदस्यों ने खोजबीन शुरू की। इसके बाद अध्यापक का शव देर रात तिरुचिरापल्ली जिले के थुरैयुर के पास सेंकट्टुपट्टी गांव में उनकी ससुराल में फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव बरामद किया और पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल भेज दिया।
पुलिस ने बताया कि सरवनन ने अपनी डायरी में एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि स्कूल के कुछ विद्यार्थी छात्रा की मौत के लिए उन्हें जिम्मेदार समझ रहे थे, जिससे वह विद्यार्थियों के सामने काफी शर्मिन्दगी महसूस कर रहे थे। अध्यापक ने आत्महत्या से पहले अपने सुसाइड नोट में लड़की की मौत से अपना कोई भी संबंध नहीं होने का दावा करते हुए कहा कि इस समय वह काफी अवसाद है और अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं। थुरैयुर पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि करुर जिले के वेंगामेदु में पिछले शुक्रवार को यौन उत्पीड़न से परेशान होकर 12वीं कक्षा की 17 वर्षीय छात्रा ने अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या तक ली थी। पुलिस ने लड़की के घर से सुसाइड नोट बरामद कर लिया जिसमें उसने किसी व्यक्ति द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया था। लड़की ने लिखा था, “मैं मरना नहीं चाहती थी। मैं जीना चाहती थी लेकिन एक व्यक्ति द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने के कारण मैं यह कदम उठा रही हूं और मैं इतनी डरी हुई हूं कि उसकी पहचान उजागर नहीं कर सकती।” सूत्रों के अनुसार अब तक लड़की के आत्महत्या से संबंधित मामले में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।