सिद्धू का फिर देओल पर हमला, कहा..पंजाब के लोगों को कर रहे गुमराह

चंडीगढ़, 07 नवम्बर,  पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्य महाधिवक्ता अमर प्रीत सिंह देओल पर आज फिर हमला बोलते हुये उन पर बेअदबी मामलों के आरोपियों की अदालतों में पैरवी करने, उन्हें जमानत दिलाने तथा कांग्रेस सरकार पर ही आरोप लगाने का आरोप लगाया। श्री सिद्धू ने आज एक के बाद एक 12 ट्वीट कर श्री देओल पर निशाना साधते हुये कहा “ आप मुझ पर गलत सूचनाएं फैलाने का आरोप लगा रहे हैं जबकि आप बरगाड़ी बेअदबी और गोलीकांड मामलों में राज्य की जनता को गुमराह करने के साथ इनके आरोपियों को बचा रहे हैं। लेकिन न्याय अंधा हो सकता है लेकिन राज्य की जनता अंधी नहीं है। कांग्रेस बेअदबी मामलों में न्याय दिलाने के वादे के साथ सत्ता में आई थी लेकिन आप आरोपियों की ओर से अदालतों में पेश हुये और जमानत दिलाई और सरकार पर गम्भीर आरोप लगाये। लेकिन अब आप ही उस सरकार के एजी नियुक्त किये गये हैं ऐसे में आपसे न्याय की कैसे उम्मीद की जा सकती है“।
श्री सिद्धू ने कहा कि देओल बताएं कि वह किसके हित के लिए काम कर रहे थे।..उनके हित के लिए जिन्होंने उन्हें एजी जैसे संवैधानिक पद पर बैठाया। ऐसी टिप्पणी कर सिद्धू ने एक बार फिर सीधे मुख्यमंत्री के कामकाज पर भी सवाल उठाया। उन्होंने ट्वीट में देओल पर हमला जारी रखते हुये कहा “अब आप राज्य के एजी है और अदालतों प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। जल्द ही आप न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति के मांगेंगे, ताकि इन मामलों पर फैसला कर सकें। एक सर्वोच्च विधि अधिकारी होने के बावजूद आपका ध्यान राजनीति पर है। उन्होंने देओल को नसीहत दी कि वह राजनीति को राजनेताओं पर छोड़ दें और अपने व्यक्तिगत विवेक, सत्यनिष्ठा और पेशेवर नैतिकता पर ध्यान केंद्रित करें“। उल्लेखनीय है कि इससे पहले सिद्धू ने गत शुक्रवार को चंडीगढ़ प्रैस क्लब में संवादाताओं को सम्बोधित करते हुये राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर निशाना साधते हुये उनसे सवाल किया था कि पार्टी बरगाड़ी बेअदबी मामले की जांच कराने और ड्रग माफिया को बेनकाब करने जैसे दो मुख्य मुद्दों पर वर्ष 2017 में सत्ता में आई थी लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाने के कारण मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पद से इस्तीफा देना पड़ा लेकिन नये मुख्यमंत्री ने भी गत 46 दिनो के शासन में इस दिशा में कोइ ठोस कदम नहीं उठाये हैं।

इससे पहले श्री देओल ने गत शनिवार को सिद्धू पर निशाना साधते हुये उन पर सरकार और एजी के कामकाज में दखलंदाजी करने और गलत सूचनाएं फैलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि सिद्धू कथित राजनीतिक लाभ के लिये अपनी ही सरकार और एजी के कामकाज पर अंगुली उठा कर इसमें बाधा डाल रहे हैं। इससे पहले श्री सिद्धू ने गत शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में राज्य में अपनी ही पार्टी की सरकार के साथ एजी को भी बर बेअदबी मामले और नशे समस्या के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर कटघरे में खड़ा किया था।

उल्लेखनीय है कि श्री दयोल राज्य सरकार के खिलाफ अनेक महत्वपूर्ण मामलों की पैरवी कर रहे हैं जिनमें बरगाड़ी बेअदबी और गोलीकांड मामले में पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी के वकील हैं। श्री सिद्धू ने श्री चरणजीत सिंह चन्नी के राज्य के नये मुख्यमंत्री के रूप में पदभार सम्भालने के बाद श्री देओल की एजी पद पर नियुक्ति तथा बरगाड़ी मामले में गठित एसआईटी के तत्कालीन प्रमुख इकबाल प्रीत सिंह सहोता को राज्य के डीजीपी का प्रभार सौपे जााने के विरोध में गत 28 सितम्बर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने गत शुक्रवार को ही अपना इस्तीफा वापिस लिया था लेकिन साथ ही यह शर्त भी लगा दी थी कि वह नये एजी की नियुक्ति के बाद ही प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय जाकर अपना कामकाज सम्भालेंगे। श्री देओल ने हाल ही में मुख्यमंत्री से मिलकर अपने पद से इस्तीफा उन्हें सौंप दिया था लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार अभी स्वीकार नहीं हुआ है।

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