राजधानी में केजरीवाल का प्रदूषण रोकथाम अभियान महज दिखावा: नरेश कुमार

नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक डा़ नरेश कुमार ने इन दिनों राजधानी दिल्ली की सड़कों पर जारी दिल्ली सरकार के प्रदूषण राेकथाम अभियान को जनता की गाढ़ी कमाई की लूट करार देते हुए कहा है कि इसकी आड़ में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपना प्रचार कर रहे हैं। श्री कुमार ने गुरूवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को भेजे एक पत्र में कहा कि श्री केजरीवाल प्रदूषण अभियान के पीछे अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश मेें हैं जबकि प्रदूषण तो राजधानी दिल्ली की समस्या बन चुका है और रेड लाइटों पर सिर्फ कुछ सेंकड के लिए गाडियों के इंजन बंद कराने से आखिर प्रदूषण कितना नियंत्रित होगा।

डा़ कुमार ने यहां जारी एक बयान में कहा कि इन दिनों राजधानी में डेंगू का कहर जारी है और अस्पतालों में एक एक बिस्तर पर तीन तीन मरीज भर्ती हैं उनके लिए केजरीवाल जी ने क्या योजना बनाई है ,वह इसका खुलासा नहीं कर रहे हैं और न ही मरीजों की बढ़ती भीड़ को कम करने के लिए अस्थायी चिकित्सा शिविरों को लगाया जा रहा है। उन्हाेंने कहा कि राजधानी के चौराहों पर सिविल डिफेंस वालंटियरोें की तैनाती के बजाय अगर इन्हें लोगोें को डेंगू के बारे में जागरूक करने के लिए लगाया जाता तो यह एक बेहतर कदम होता । श्री केजरीवाल ने ना तो डेंगू से निपटने की कोई रणनीति बनाई है और ना ही फोगिंग कराई है । दिल्ली देहात में बारिश के बाद मच्छरों के पनपने के लिए उपयुक्त माहौल है क्योंकि अनेेेक स्थानों पर बारिश का पानी अभी भी भरा हुआ है।

श्री कुमार ने राजधानी के स्कूलों को एक नवंबर से खोले जाने के दिल्ली सरकार के फैसले को जल्दबाजी भरा करार देते हुए कहा कि अभी भी कोरेाना के मामले सामने आ रहे हैं और अभी त्योहारी सीजन चल रहा है तथा बाजारों एवं सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है। इसका असर कम से कम तीन हफ्तों के बाद देखने को मिलेगा क्योंकि इस वर्ष मार्च में होली के दौरान देश में लोगों ने जो लापरवाही बरती थी उसका भयंकर नतीजा अप्रैल के तीसरे सप्ताह में देखने को मिला था जब देश में काेरोना के लाखों केस रोजाना सामने आ रहे थे।
उन्होंने यह भी कहा कि राजधानी के निजी स्कूल सभी अभिभावकों से एक मंजूरी फार्म भरवा रहे हैं कि अगर स्कूल समय के दौरान हमारे बच्चे को कोराेना होता है तो इसके लिए स्कूल प्रबंधन जिम्मेदार नहीं होगा और यह सब स्कूल अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए कर रहे हैं।

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