सरकारी सम्पतियों को लगातार बेच रही है भाजपा : अनिल चौधरी

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर,  दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार और भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम दोनो में ‘‘बेचो इंडिया कैम्पेन’’ के तहत सरकारी संस्थानों को बेचने की होड़ में लगी हुई है। उन्हांने कहा कि जहां एक ओर प्रधानमंत्री मोदी देश की सम्पतियों को लगातार बेच रहे है, जिनका आजादी के बाद कांग्रेस की सरकार ने देश और देशवासियों की प्रगति और उत्थान के सुनियोजित तरीके से गठन किया था। उसी तर्ज पर भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम ने पिछले 15 वर्षों के कुशासन में अत्यधिक निगम की सम्पतियों को बेच दिया है। अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने राजन बाबू टी.बी अस्पताल की 3 एकड़ जमीन की नीलामी की तैयारी कर रही है जबकि राजन बाबू अस्पताल एशिया का सबसे बड़ा टी.बी. अस्पताल है।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि फंड का रोना रोने वाले भाजपा नेता 80-90 एकड़ में बने राज बाबू अस्पताल की खाली जमीन पर निगम चाहे तो राजस्व अर्जित करने के लिए कई योजनाऐं बना सकते है परंतु 15 वर्षों से भ्रष्टाचार में व्यस्त भाजपाईयों ने तीनों निगमों को कंगाल बना दिया है। अनिल कुमार ने कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा झुग्गी सम्मान यात्रा करके अब झुग्गियों को भी बेचने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने 15 वर्षों के कुशासन में दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में विकास के कोई काम नही किए यहां तक कि इन लोगों के पास मूलभूत सुविधाएें तक नही है। उन्होंने कहा कि भाजपा अब झुग्गियों का सर्वे करके भाजपा झुग्गी सम्मान नही बल्कि इन क्षेत्रों की जमीन चिन्हित करके इन्हें बेचने की योजना बनाऐंगी। अनिल कुमार ने कहा कि राजन बाबू अस्तपाल के अधीनस्थ जमीन को बेचने की तैयारी का निगम सम्पतियों को बेचने का यह पहला मामला नही है, इससे पूर्व भी सैंकड़ों करोड़ के नावल्टी सिनेमा को 34.59 करोड़ में बेच चुके है। यही नही हजारों करोड़ की 11 ऐसी प्रापर्टी है जिनको भाजपा शासित दिल्ली नगर निगमों ने मात्र 744.18 करोड़ में अपने नजदीकियों को बेच डाली है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने टाउन हॉल तक को हेरिटेज होटल बनाकर लीज पर दे दिया है।

 

भाजपा राजस्व अर्जित करने की जगह निगम की प्रापर्टियों को बेचकर या लीज पर देकर अपनी आर्थिक कमियों को छिपाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्व की कमी और आर्थिक भष्टाचार में डूबी तीनों निगमों को तुरंत भंग किया जाये। अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा शासित दिल्ली नगर का निगम कर्मचारियों के 1200 करोड़ के जीपीएफ का गमन करके यह सामने आ गया है कि अभी तक कर्मचारी वेतन न मिलने पर हड़ताल पर जाते थे परंतु अब निगम कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत के बाद भविष्य निधि की राशि मिलने पर भी संदेह हो गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता बताऐं कि कर्मचारियों का भविष्य निधि का पैसा कहां गया? चौ0 अनिल कुमार ने सवाल उठाए, क्या कर्मचारियों के भविष्य की 1200 करोड़ की राशि भी भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को मालूम है कि 15 वर्षों के कुशासन के बाद निगमों को खोखला बनाने के पश्चात दिल्लीवासी यह मन बना चुके हैं कि आगामी नगर निगम चुनाव में भाजपा का बहिष्कार करेंगे।

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