एहसान

एक बहेलिया था। एक बार जंगल में उसने चिड़िया फंसाने के लिए अपना जाल फैलाया। थोड़ी देर बाद ही एक बाज़ उसके जाल में फंस गया।वह उसे घर लाया और उसके पंख काट दिए। अब बाज़ उड़ नहीं सकता था, बस उछल उछलकर घर के आस-पास ही घूमता रहता।उस बहेलिए…
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हवाई जहाज की कहानी जानो..

आसमान में ऊंची उड़ान भरते हवाई जहाज को तुमने कई बार देखा ही होगा। पर क्या तुम यह जानते हो कि इसे कब बनाया था और किसने बनाया था? आखिर किसके मन में इसे बनाने का ख्याल आया था। इसे बनाने के पीछे क्या प्रेरणा थी? नहीं पता, कोई बात नहीं। आज हम…
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रिश्ता राखी का

अनुराग उपाध्यायबाजारों में दुकानें लग चुकी थीं, रंग -बिरंगी प्यारी - प्यारी अच्छी - अच्छी , सुंदर - सुंदर  मनमोहक राखियों ने बाजार की सुंदरता बहुत अधिक बढ़ा दी थी।  सभी बहने भाई अपनी अपनी बहन एवम भाई के लिए राखियां मिठाइयां तोहफे …
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अपराध की सजा

-सार्थक देवांगन- एक बार की बात है एक गांव में मोलू नाम का आदमी था। गांव के सभी लोग उसकी बहुत इज्ज्त करते थे। क्योंकि वह गांव में सबसे बड़ा था। उसे कोई कुछ नहीं कह पाता था। उसके खिलाफ कोई नहीं जाता था। लेकिन मोलू इस बात का फायदा उठाता था। वह…
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हो सके तो जिन्दगी ले के आओ……

-सुशील याद- हर निगाह चमक, हरेक होठ, हंसी ले के आओ हो सके, कम्जर्फों के लिए, जिन्दगी ले के आओ, इस अंधेरे में, दो कदम, न तुम चल पाओ, न हम धुधली सही, समझौते की, रौशनी लेके आओ, कुछ अपनी हम चला सके, कुछ दूर तुम्ही चला लो सोच है, कागजी…
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तेनालीराम की कहानी: तेनालीराम और चोटी का किस्सा

एक दिन बातों-बातों में राजा कृष्णदेव राय ने तेनालीराम से पूछा, अच्छा, यह बताओ कि किस प्रकार के लोग सबसे अधिक मूर्ख होते हैं और किस प्रकार के सबसे अधिक सयाने? तेनालीराम ने तुरंत उत्तर दिया, महाराज! ब्राह्मण सबसे अधिक मूर्ख और व्यापारी सबसे…
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अपनों की कैसी खामोशी?

-रजनीश कांत- अमित जैसे पक्के दोस्त के अचानक बदले व्यवहार ने दिवाकर को हिलाकर रख दिया था। दिवाकर ने अमित से ऐसी कटुतापूर्ण भाषा की उम्मीद तो क्या, सपने में भी कल्पना नहीं की थी। अमित जैसे ही दिवाकर से मुंबई के जुहू बीच पर मिला, दिवाकर पर…
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कबूतर और बहेलिया

जंगल में एक बहुत बड़ा बरगद का पेड़ था। उस पर तरह-तरह के पक्षी रहते थे। एक दिन एक बहेलिए ने आकर उस पेड़ के नीचे अपना जाल फैला दिया और दाने डालकर स्वयं उस विशाल पेड़ के पीछे छिपकर बैठ गया।कुछ समय बाद उधर से कबूतरों का एक झुंड आता दिखाई…
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दुष्ट सर्प और कौवे

एक जंगल में एक बहुत पुराना बरगद का पेड था। उस पेड पर घोंसला बनाकर एक कौआ-कव्वी का जोडा रहता था। उसी पेड के खोखले तने में कहीं से आकर एक दुष्ट सर्प रहने लगा। हर वर्ष मौसम आने पर कव्वी घोंसले में अंडे देती और दुष्ट सर्प मौक़ा पाकर उनके घोंसले…
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 पछतावा…

-डॉ. योगेंद्रनाथ शुक्ल-ये जूते कितने के हैं?साहब, आठ सौ पचास रुपए के।दुकानदार से भाव सुनकर धीरज बाबू ने अपने बेटे को धीरे से समझाया पुनीत! मैं तुम्हें दूसरी दुकान लिए चलता हूं... ये जूते बहुत महंगे हैं। दोनों उस दुकान से बाहर…
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