उन्नत सड़क ही गांव को विकास से जोड़ेगा
यहां की खस्ताहाल सड़क ने केवल विकास को ही नहीं बल्कि गांव की किशोरियों की शिक्षा और महिलाओं के स्वास्थ्य को भी प्रभावित किया है. 22 वर्षीय सुधा कहती है कि सड़क बेहतर नहीं होने के कारण अधिकतर लड़कियों की 12वीं के बाद पढ़ाई छूट जाती है क्योंकि कॉलेज जाने के लिए मुख्य सड़क तक पैदल जाना होता है. वहां तक अकेले जाने की अभिभावक परमिशन नहीं देते हैं. अगर गांव की सड़क बेहतर हो जाए तो परिवहन सुविधा की आसानी हो जाएगी और ट्रांसपोर्ट की बसें गांव के अंदर तक आ सकेंगी. वह बताती है कि गांव के जो घर आर्थिक रूप से संपन्न हैं उनके घर वाले लड़कियों को कॉलेज जाने और वापसी पर घर लाने के लिए मुख्य सड़क तक बाइक का इस्तेमाल करते हैं लेकिन हमारे लिए यह मुमकिन नहीं है. इसलिए अधिकतर लड़कियों की 12वीं के बाद पढ़ाई छूट जाती है. वहीं जर्जर सड़क की वजह से महिलाओं के स्वास्थ्य पर बात करते हुए गांव की आशा वर्कर संतोष कहती हैं कि सरकार की ओर से प्रसव के लिए महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने के एम्बुलेंस की बेहतर सुविधा प्रदान तो की गई है लेकिन गांव की टूटी सड़क गर्भवती महिलाओं को इस सुविधा का लाभ उठाने से वंचित कर देती है. कई बार गांव पहुंचते पहुंचते एम्बुलेंस वाहन खराब हो जाते हैं. अक्सर ऐसी महिलाओं को निजी वाहन के माध्यम से अस्पताल पहुंचाना पड़ता है. यह वाहन वाले इसके लिए बहुत अधिक किराया वसूलते हैं. जो आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवार को और भी अधिक गरीब बना देता है. वह बताती हैं कि अधिकतर गरीब परिवार की महिलाएं इन कठिनाइयों से बचने के लिए प्रसव के अंतिम महीने में अपने पीहर चली जाती हैं. जिससे आशा वर्कर को अपना रिकॉर्ड रखने में परेशानी आती है.