2025 तक देश में 90 करोड़ होगी सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या

नयी दिल्ली 03 मई,  भारत में अभी 76 करोड़ सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं जो महीने में कम से कम एक बार इंटरनेट का उपयोग करते हैं और वर्ष 2025 तक इनकी संख्या बढ़कर 90 करोड़ होने का अनुमान है। यह पहली बार है कि अधिकांश भारतीय सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता बन गए हैं। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) और डेटा एवं एनालिटिक्स कंपनी कंतार द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई ‘इंटरनेट इन इंडिया रिपोर्ट 2022’ में यह अनुमान जताया गया है। आज जारी इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2022 में भारत में 75.9 करोड़ ‘सक्रिय’ इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में से 39.9 करोड़ ग्रामीण भारत से हैं, जबकि 36 करोड़ शहरी भारत से हैं जिससे यह पता चलता है कि ग्रामीण भारत देश में इंटरनेट के विकास को जारी रखे हुये है। हालांकि बिहार में अभी भी इंटरनेट की पहुंच मात्र 32 फीसदी है जबकि गोवा इस मामले में 70 फीसदी के साथ अव्वल स्थान पर है। बिहार इस मामले में भी पिछड़ा हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार इंटरनेट उपयोग करने के मामले में पुरूष की हिस्सेदारी 54 प्रतिशत है और इस मामले में महिलायें पीछे रह गयी है। खुशी की बात है कि 2022 में सभी नए उपयोगकर्ताओं में से 57 प्रतिशत महिलाएं थीं। यह अनुमान लगाया गया है कि 2025 तक, सभी नए उपयोगकर्ताओं में 65 प्रतिशत महिलाएं होंगी।

9 मिलियन ग्रामीण भारत से हैं, जबकि 360 मिलियन शहरी भारत से हैं, यह दर्शाता है कि ग्रामीण भारत देश में इंटरनेट के विकास को जारी रखता है। लगभग 71% इंटरनेट पहुंच के साथ शहरी भारत में केवल 6% की वृद्धि देखी गई, जिसमें कुल संख्या में अधिकांश लाभ ग्रामीण भारत से आया, जिसने पिछले एक वर्ष में 14% की वृद्धि दर देखी। यह अनुमान लगाया गया है कि 2025 तक भारत में सभी नए इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में से 56% ग्रामीण भारत से होंगे।
हालांकि, डिजिटल डिवाइड राज्यों में इंटरनेट की पहुंच में भारी असमानता के साथ सकारात्मक कथा को प्रभावित कर रहा है, जिसमें बिहार (32 फीसदी) में अग्रणी राज्य गोवा (70 फीसदी) की तुलना में इंटरनेट की पहुंच का स्तर आधे से भी कम है।

भले ही लिंग विभाजन आज तक 54% पुरुष उपयोगकर्ताओं के साथ बना हुआ है, यह ध्यान रखना खुशी की बात है कि 2022 में सभी नए उपयोगकर्ताओं में से 57% महिलाएं थीं। यह अनुमान लगाया गया है कि 2025 तक, सभी नए उपयोगकर्ताओं में 65% महिलाएं होंगी, जो लिंग विभाजन को ठीक करने में मदद करेंगी। News Source : News Agency (Webvarta)

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