दिल्ली में भारी बारिश,सात मई तक और बारिश के आसार

नयी दिल्ली 03 मई,  राजधानी दिल्ली व एनसीआर के कई हिस्सों में बुधवार को आंधी के साथ भारी बारिश हुई। इससे दिल्ली का अधिकतम तापमान 30.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से नौ डिग्री कम है। मौसम विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। मौसम विभाग के अनुसार पांच मई से एक और पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित कर सकता है।

मौसम विभाग ने कहा, “ इसके प्रभाव में, राजधानी में सात मई तक बादल छाए रहेंगे और छिटपुट बारिश के आसार हैं।” अधिकतम तापमान नौ मई तक 35 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहने का अनुमान है। इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में अप्रैल में 20 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई, जो 2017 के बाद से इस महीने में सबसे अधिक है, जिसकी वजह बैक-टू-बैक पश्चिमी विक्षोभ है।

सफदरजंग वेधशाला के अनुसार, सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढे पांच के बीच पीतमपुरा में 55.5 मिमी, मुंगेशपुर में 31.5 मिमी, उजवा में 31.0 मिमी, लोधी रोड में 24.6 मिमी, सफदरजंग में 20.9 मिमी, पूसा में 15.5 मिमी, रिज में 14.6 मिमी आयानगर 13.8 मिमी, पालम 11.8 मिमी और मयूर विहार 8.0 मिमी बारिश दर्ज की गयी। भारी बारिश के कारण शहर के कई हिस्सों में जलभराव की घटनाएं सामने आईं, जिससे यातायात बुरी तरह बाधित हो गया। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, “ तिमारपुर पार्किंग के पास जलभराव के कारण वजीराबाद फ्लाईओवर से पुलिस स्टेशन तिमारपुर की ओर जाने वाले कैरिज वे में यातायात प्रभावित होता है।”

पुलिस ने ट्वीट किया,“यूसुफ सराय के पास जलभराव के कारण एम्स से आईआईटी की ओर जाने वाले मार्ग पर यातायात प्रभावित है। कृपया इस ओर आने से बचें।” इससे पहले, मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि नौ मई को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में एक चक्रवात विकसित होने की आशंका है और अगले कुछ दिनों में इसके मार्ग की भविष्यवाणी की जाएगी।

श्री महापात्र ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अगले दिन उसी क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना के साथ छह मई को एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित होने की आशंका है। चक्रवात का नाम मोचा रखा जाएगा, जो लाल सागर बंदरगाह शहर के बाद यमन द्वारा सुझाया गया नाम है। मौसम प्रणाली के आठ मई को एक अवसाद में केंद्रित होने और नौ मई को एक चक्रवात में बदलने की आशंका है। उन्होंने कहा कि चक्रवात के उत्तर की ओर बंगाल की मध्य खाड़ी की ओर बढ़ने के आसार हैं।

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