होमियो गौरव सम्मान 2023 से सम्मानित हुए डॉ एम के मसरूर
सागर श्रीवास्तव
पटना, 10 अप्रैल, दस अप्रैल विश्व होम्योपैथीक दिवस के शुभ अवसर पे पटना बिहार में आयोजित एक होमियोपैथीक सेमीनार में गोरखपुर के होमियोपैथीक चिकित्सक डॉ एम के मसरूर और डॉ. आर.वी. दीक्षित को होमियोपैथीक चिकित्सा के छेत्र उत्कृष्ठ कार्य करने के लिए होमियो गौरव सम्मान 2023 से सम्मानित किया गया डॉ मसरुर ने कहा कि होम्योपैथिक दवायें बिना किसी दुष्प्रभाव के रोग को जड़ से समाप्त करने की छमता रखती है , डॉ मसरूर ने कहा कि कुछ रोग जैसे गुर्दे की पथरी ,स्किन डिजीज सोरायसिस एक्ज़िमा , मुहासे ,बालो का झड़ना ,गठिया सियाटिका, स्लिप डिस्क कमर का दर्द ,पेट की बीमारी आदि रोगों का काफी बेहतर इलाज हैं विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी मानना है कि वैकल्पिक और परम्परागत औषधियों को बढ़ावा दिए बगैर सार्वभौमिक स्वास्थ्य के लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों में विश्व में होम्योपैथी का प्रमुख स्थान है। अपनी कुछ अलग ही विशेषताओं के कारण होम्योपैथी आज विश्वभर में 100 से भी अधिक देशों में अपनाई जा रही है। भारत तो होम्योपैथी के क्षेत्र में विश्व का अग्रणी देश है।
दरअसल होम्योपैथी दवाओं को विभिन्न संक्रमित और गैर संक्रमित बीमारियों के अलावा बच्चों और महिलाओं की बीमारियों में भी विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है। हालांकि होम्योपैथिक दवाओं के बारे में धारणा है कि इन दवाओं का असर रोगी पर धीरे-धीरे होता है लेकिन इस चिकित्सा प्रणाली की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि यह रोगों को जड़ से दूर करती है और इन दवाओं के साइड इफैक्ट भी नहीं के बराबर होते हैं।
होम्योपैथी दवाएं प्रत्येक व्यक्ति पर अलग तरीके से काम करती है और अलग-अलग व्यक्तियों पर इनका असर भी अलग ही होता है। होम्योपैथी चिकित्सकों की माने तो डायरिया, सर्दी-जुकाम, बुखार जैसी बीमारियों में होम्योपैथी दवाएं एलोपैथी दवाओं की ही भांति तीव्रता से काम करती हैं लेकिन अस्थमा, गठिया, त्वचा रोगों इत्यादि को ठीक करने में ये दवाएं काफी समय तो लेती हैं मगर इन रोगों को जड़ से खत्म कर देती हैं। होम्योपैथी के बारे में सरदार वल्लभभाई पटेल का कहना था कि होम्योपैथी को चमत्कार के रूप में माना जाता है।