पेशावर मस्जिद में आत्मघाती बम विस्फोट में 48 लोगों की मौत, 157 घायल

पेशावर, 31 जनवरी । पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर में एक मस्जिद में सोमवार दोपहर की नमाज की दौरान तालिबान आत्मघाती हमलावर द्वारा बम विस्फोट में कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई जबकि 157 से घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि अपराह्न एक बजकर करीब 40 मिनट पर पुलिस लाइन्स क्षेत्र के समीप जब नमाजी ज़ुहर (दोपहर) की नमाज पढ़े रहे थे तब अगली पंक्ति में आत्मघाती हमलावर ने खुद को बम विस्फोट कर उड़ा दिया। बम विस्फोट की गूंज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी।

बम धमाके के बाद चारों तरफ चीख पुकार के बीच शवों का ढेर लग गया था। हादसे के बाद राहत बचाव के लिए स्थानीय प्रशासन जुट गया। खैबर पख्तून के गवर्नर हाजी गुलाम अली ने विस्फोट की निंदा की और लोगों से घायलों के वास्ते रक्तदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह पुलिस के प्रति बहुत बड़ी मेहरबानी होगी। अधिकारियों ने बताया कि शवों एवं घायलों को पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल ले जाया गया। पेशावर के अस्पतालों में आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई है। अस्पताल प्रशासन ने लोगों से रक्तदान करने की अपील की है। पेशावर में विस्फोट के बाद इस्लामाबाद समेत बड़े शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इस्लामाबाद में आने -जाने वाले सभी मार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और महत्वपूर्णस्थानों एवं भवनों पर स्नाइपर्स तैनात किए गए हैं।

कार्यवाहक मुख्यमंत्री आजम खान ने हमले की निंदा की है और प्रभावितों के प्रति संवेदना जताई है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख खान ने ट्वीट किया कि जिन लोगों की जान गई है , उनके परिवारों और जो लोग घायल हुए हैं, उनके प्रति मेरे गहरी संवेदना है। ऐसे में जरूरी हो गया है कि हम खुफिया सूचना संग्रहण में सुधार लाएं और पुलिस बलों को आतंकवाद के बढ़ते खतरे का मुकाबला करने के लिए उपयुक्त रूप से मजबूत बनाएं।

पिछले साल शहर के कोचा रिसलदार इलाके में एक शिया मस्जिद में ऐसे ही हमले में 63 लोगों की जान चली गई थी। टीटीपी पाकिस्तान सरकार के साथ संघर्षविराम से पीछे हट गया है और उसने अपने आतंकवादियों को देशभर में आतंकवादी हमला करने का हुक्म जारी किया है। उसपर 2009 में सेना मुख्यालय, सैन्य अड्डों पर हमले, 2008 में मैरिएट होटल में बम विस्फोट समेत कई घातक हमलों में शामिल रहने का आरोप है। बताया जाता है कि वह अल कायदा का करीबी है।

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