झारखंड राज्य के प्रमुख जैन तीर्थ स्थल शिखर जी को पर्यटन स्थल बनाते हुए पूर्ण सुरक्षा करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऐतिहासिक निर्णय : संजीव सिंह कुशवाह संजू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति ऐतिहासिक निर्डय लेने के लिए विधायक संजीव ने जताया आभार

भिण्ड। भारतीय जनता पार्टी के युवा विधायक संजीव सिंह कुशवाह संजू ने कहा कि झारखंड राज्य के जैन समाज के प्रमुख धार्मिक शिखर जी तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल नहीं बनाए जाने का निर्णय लेते हुए जैन समाज की भावनाओं का पूर्ण सम्मान के साथ ऐतिहासिक निर्णय लिया है। जिसकी पूर्ण सुरक्षा की जाएगी पीएम मोदी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।

भाजपा विधायक कुशवाह ने कहा कि भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा झारखंड राज्य के सम्मेद शिखर जी पर्वत क्षेत्र और उसके आसपास वन्य जीव अवधारणा और संवेदनशील क्षेत्र संपूर्ण पवित्रता रखते हुए निर्णय लिया है। जोकि जैन समाज द्वारा शिखर सम्मेलन को पर्यटन स्थल घोषित ना करने के लिए पूरे देश में आंदोलन चलाया जा रहा था भारतीय जनता पार्टी जैन समाज की सभी भावनाओं का सम्मान करती है और आगे भी करती रहेगी।

विधायक कुशवाह ने कहा कि भारत सरकार के नियमों अनुसार शिखर जी तीर्थ स्थल में शराब, मास मदिरा, आदि नशा जैसी वस्तुओं का पूर्ण रूप से प्रतिबंधित भी किया गया है ताकि यह पर्यटन स्थल में पवित्रता और सद्रीकरणता का भाव जागृत हो जिसमें पूरे देश के लोग इस पवित्र धार्मिक स्थल पर भगवान महावीर स्वामी के दर्शन के लिए आते हैं।

उन्होंने कहा कि पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारत सरकार द्वारा झारखंड सरकार को निर्देशित किया है कि पारशनाथ वन्य जीव अभीधारणा के प्रति प्रबंधन योजनाओं जोकि पारसनाथ पर्वत क्षेत्र की सुरक्षा प्रदान करता है के खंड 7,6,1 के नियमों को शक्ति से लागू करने के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

विधायक कुशवाह ने कहा कि झारखंड सरकार को भारत सरकार द्वारा इस पवित्र क्षेत्र के लिए पूर्ण रूप से निर्देशित किया पारसनाथ पर्वत क्षेत्र की पूर्ण रूप से सुरक्षा की जैन समाज के लोग काफी संख्या में दर्शन के लिए जाते हैं उनकी पूरी देखरेख और सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है किसी भी प्रकार की लापरवाही बरती नहीं जाए उन्होंने कहा कि जैन समाज की भावनाओं का पूर्ण रूप से सम्मान करते हुए पर्वत की सुरक्षा प्रदान की जाए और जो भारत सरकार और मंत्रालय के नियम के अनुसार इस पर पूर्ण रूप से लागू किए जाएं।

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