जब स्कूटी नहीं देनी थी तो हमारे नाम की आरसी क्यों बांटी, स्कूटी वितरण में बड़े गोलमाल का अंदेशा

उदयपुर, 26 दिसम्बर । होनहार छात्राओं को सरकार द्वारा स्कूटी वितरण योजना में उदयपुर में बड़ा गोलमाल सामने आया है। छात्राओं को स्कूटी की आरसी देने के बाद स्कूटी देने से इनकार कर दिया गया है। यह वे छात्राएं हैं जिन्हें दसवीं में भी स्कूटी मिली थी और अपनी प्रतिभा के बूते 12वीं में भी अच्छे नंबर लाने पर इस बार भी उन्हें स्कूटी देने के लिए बुला लिया गया था।
इसके बाद आक्रोशित छात्राएं और अभिभावक वहीं पर धरना देकर बैठ गए। उनका कहना है कि जब स्कूटी नहीं देनी थी तो उन्हें बुलाया क्यों और बुलाने के बाद आरसी जब बच्चियों के नाम दे दी गई तो स्कूटी नहीं देने का क्या मतलब है। इसमें उन्होंने गोलमाल का अंदेशा भी जताया है।

इतना ही नहीं उन्हें स्कूटी की आरसी भी समारोह में बांट दी गई लेकिन उसके तुरंत बाद उन्हें कह दिया गया कि उन्हें स्कूटी नहीं मिलेगी। इसके बाद हंगामा खड़ा हो गया। छात्राएं अपने अभिभावकों के साथ तुरंत जिला कलेक्टर से मिली। जिला कलेक्टर ने उन्हें आश्वस्त कर पुनः स्कूटी वितरण स्थल मीरा कन्या महाविद्यालय के राजकीय छात्रावास में भेजा और कहा कि मैं अधिकारियों को निर्देश दे रहा हूं, लेकिन अधिकारियों ने फिर भी स्कूटी देने से मना कर दिया।

इधर, मामले में स्कूटी वितरण योजना के जिला नोडल अधिकारी डीएस मंडोवरा ने बताया कि किसी भी छात्रा को स्कूटी का लाभ दो बार नहीं दिया जा सकता, सूची जयपुर स्तर पर तैयार होती है और वहां किसी तरह की चूक के चलते या इन छात्राओं द्वारा पूर्व में स्कूटी प्राप्त कर लिए जाने की सूचना नहीं देने के चलते इनका नाम सूची में दर्ज हो गया। जिला स्तर पर ऐसे भी कई आवेदन इसी आधार पर रोक दिए गए थे क्योंकि उनको पहले स्कूटी मिल चुकी थी। जिन छात्राओं ने पूर्व में सूचना नहीं दी, लेकिन वितरण के दौरान यह जानकारी सामने आ गई तो नियमानुसार दूसरी बार स्कूटी नहीं दी जा रही है। मामला उच्च स्तर पर अवगत करा दिया गया है। इस मामले में उच्च स्तर से जो भी निर्णय होगा उसकी पालना की जाएगी। खबर लिखे जाने तक सभी छात्राएं जिला कलेक्ट्रेट में डेरा डाले हुए थीं।

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