दतिया मेडिकल कॉलेज में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित, डाइबिटीज रोगियों के विषय में दी जानकारी

दतिया, ।शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग ने अधिष्ठाता (डीन) डॉ दिनेश उदेनिया के मार्गदर्शन में विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर चिकित्सा महाविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में डॉ दिनेश उदेनिया ने डाइबिटीज रोगियों में होने वाली न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के विषय में जानकारी दी और चिकित्सा विद्यार्थियों से प्रश्न पूछ कर उन्होंने क्या नया सीखा यह जाना।

इस कार्यक्रम में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रदीप शुक्ला ने डायबिटीज के उपचार एवं प्रबंधन, ओरल हाइपोग्लाइसेमिक ड्रग्स ,लाइफस्टाइल परिवर्तन के महत्व को बताया तथा देश में बढ़ती हुई डाइबिटीज की स्थिति की समीक्षा की एवं उससे बचाव के बारे में जानकारी दी,स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ श्‍वेता यादव ने बताया कि देश में 10 फीसदी महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान डाइबिटीज की बीमारी होती है। जिसकी वजह से नवजात शिशु का अधिक वजन होने की वजह से सामान्य प्रसव नहीं हो पाता है और शिशु को जन्म के बाद समस्याएं होती हैं।

गर्भवती महिलाओं की उचित तरीके से ब्लड शुगर की जांच करने के लिए सुविधा शासकीय चिकित्सालयों में निशुल्क उपलब्ध है।कार्यक्रम में डॉ घनश्याम अहिरवार ने प्रीडायबिटीज कंडीशन मेटाबॉलिक सिंड्रोम एवं एच बी ए वन सी टेस्ट के महत्व को बताया एवं यह जानकारी दी कि डाइबिटीज अस्वस्थ जीवन शैली की वजह से होता है। लेकिन यदि आपका नजदीकी रिश्तेदार यदि डाइबिटिक है तो भी संभावना अधिक होती है।कार्यशाला में चिकित्सा महाविद्यालय दतिया के डॉ पी अधिकारी, डॉ सचिन सिंह यादव ,डॉ अनिल मंगेशकर, डॉ अभिषेक शर्मा, डॉ किरण त्रिपाठी, डॉ अभिषेक मेहता, डॉ हर्ष चावरे और अन्य विभिन्न विभागों के चिकित्सा शिक्षक एवं चिकित्सा छात्र उपस्थित रहे।

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