महात्मा गांधी ने अपने बेटे को हिन्दी सेवा के लिए भेजा था जामिया : डॉ. उमर

नयी दिल्ली, 29 सितंबर,  जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्रोफसर आसिफ उमर ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने बेटे देवदास गांधी को हिंदी सेवा के लिए इस शिक्षण संस्थान में भेजा था। डॉ. उमर जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हकीम अजमल खां साहित्यिक एवं ऐतिहासिक यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, आयुष मंत्रालय की ओर से आयोजित हिन्दी पखवाड़े के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर यह बात कही। उन्होंने संस्थान द्वारा हिन्दी के उत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों और हिंदी भाषा के इतिहास एवं विश्व में इसकी स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने हिंदी और स्वामी विवेकानंद और गांधीजी के रिश्ते पर भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपने बेटे देवदास गांधी को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंदी सेवा के लिए भेजा था।

डॉ उमर ने हिन्दी भाषा के सम्मान की अपील करते हुए स्वामी विवेकानंद, गांधीजी और जामिया मिल्लिया इस्लामिया का हिन्दी सेवा से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण किस्सा साझा किया। उन्होंने कहा ,“ विवेकानंद न सिर्फ अपनी मातृभाषा का सम्मान करते थे बल्कि वह दूसरों की भाषा का भी सम्मान किया करते थे। उन्होंने अमेरिकी दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि जब एक अमेरिकी नागरिक ने विवेकानंद से अंग्रेजी में सवाल किया तो उन्होंने हिंदी में जवाब दिया और जब उसने हिंदी में सवाल किया तो विवेकानंद ने अंग्रेजी में जवाब दिया। संसद से सड़क तक की भाषा हिंदी का सम्मान हर हिंदीभाषी को करना चाहिए।अगर हिंदीभाषी ही हिंदी का प्रयोग करने से परहेज करेंगे तो हिन्दी का विकास नहीं हो सकता। ”

इस अवसर पर हकीम अजमल खां साहित्यिक एवं ऐतिहासिक यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के प्रभारी डॉ मोहम्मद फाज़िल ने स्वागत भाषण में कहा ,‘‘हिन्दी पखवाड़े का आयोजन 14 से 29 सितंबर तक किया गया। इस दौरान सभी कार्यक्रमों का आयोजन सरकारी नियमों का पालन करते हुए किया गया। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर निबंध प्रतियोगिता, श्रुतिलेख प्रतियोगिता, हिन्दी शब्दज्ञान प्रतियोगिता और हिन्दी समीक्षा जैसी अलग-अलग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । हिंदी हमारी राजभाषा है और इसका सम्मान करना हम सभी का कर्तव्य है।”

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