भारतीय एयरलाइनों की अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की यात्री संख्या मई में कोविड-पूर्व के स्तर के पार: इकरा

नयी दिल्ली, 07 जून,  रेटिंग एजेंसी इकरा की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मई 2022 में भारतीय एयरलाइनों की अंतर्राष्ट्रीय मार्ग की उड़ानों में यात्री संख्या बढ़ कर 22 लाख रही। यह संख्या न केवल 27 मार्च, 2022 को अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें फिर से शुरू होने करने के बाद सबसे अधिक है बल्कि कोविड महामारी से पहले से भी अधिक है। इकरा की रपट में कहा गया है कि भारतीय एयरलाइनों ने मई 2019 की तुलना में मई 2022 में 24 प्रतिशत अधिक अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को ढोया। मई, 2019 में इनकी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के यात्रियों की संख्या 18 लाख रही थी।

रपट के मुताबिक कोविड-19 संक्रमण घटने से घरेलू हवाई मार्गों पर मई, 2022 में एक साल पहले की तुलना में यात्री संख्या में 4.4 गुना की वृद्धि दर्ज की गयी। इस बार मई में घरेलू उड़ानों पर 114 लाख यात्रियों ने यात्रा की। मई 2021 में यह संख्या 21 लाख और मई 2019 में 122 लाख थी। इसतरह इस बार मई में घरेलू यात्रियों की संख्या कोविड पूर्व के इसी माह से मात्र सात प्रतिशत कम है। इकरा के अनुसार मई 2022 में घरेलू हवाई यात्री संख्या इससे पिछले माह के 109 लाख की तुलना में पांच प्रतिशत अधिक रही। रिपोर्ट के अनुसार मई 2022 में एयरलाइंस की सीट क्षमता मई 2021 की तुलना में 2.1 गुना अधिक थी। मई 2021 में इन एयरलाइनों ने 27,725 उड़ानों के प्रस्थान के मुकाबले मई 2022 में 86,289 प्रस्थान किए।

आईसीआरए के उपाध्यक्ष और एयरलाइन क्षेत्र पर अध्ययन करने वाले प्रभाग के प्रमुख सुप्रियो बनर्जी ने कहा, “मई 2022 के लिए, औसत दैनिक प्रस्थान 2,784 था, जो मई 2021 के दैनिक 894 प्रस्थान और अप्रैल 2022 में 2,726 प्रस्थान की तुलना में अधिक था। ” श्री बनर्जी ने बताया कि मई 2022 के दौरान प्रति उड़ान यात्रियों की संख्या 132 थी। यह अप्रैल 2022 में प्रति उड़ान औसतन 133 यात्रियों और मई 2019 में प्रति उड़ान औसतन 139 यात्रियों से कम रही। यात्रियों से राजस्व की वसूली हालांकि वित्त वर्ष 2023 में अपेक्षाकृत तेज होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भू-राजनीतिक तनाव से विमान ईंधन एटीएफ के महंगा होने से एयरलाइन उद्योग के लिए निकट अवधि में चुनौती बनी रहेंगी और एयरलाइनों के लाभ पर इसका अवसर होगा। यह अनुमान है कि पिछले 12 महीनों में घरेलू मार्गों पर कमाई औसतन 18-20 प्रतिशत के बीच बढ़ी है।

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