नवजोत सिद्धू की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है कांग्रेस: केजरीवाल

अमृतसर 23 नवंबर, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि पंजाब कांग्रेस नवजोत सिद्धू की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। श्री केजरीवाल ने कहा कि श्री सिद्धू को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के हमलों का सामना करना पड़ा है, जिन्होंने इस साल अप्रैल में उनको ‘अवसरवादी’ कहा था और दावा किया था कि वह विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें श्री सिद्धू के साहस पर गर्व है। श्री सिद्धू ने चरणजीत सिंह चन्नी सरकार द्वारा किए गए झूठे वादों को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चन्नी ने दावा किया कि उनकी सरकार ने रेत माफिया को खत्म कर दिया है और रेत की कीमत कम कर दी है। जिस पर श्री सिद्धू ने तुरंत कहा कि यह जानकारी गलत है। उन्होंने कहा कि रेत माफिया अभी भी काम कर रहा है। श्री केजरीवाल ने कहा ‘मैं उनके साहस को सलाम करता हूं’।

आप प्रमुख ने कहा कि श्री सिद्धू ने खुद कहा है कि श्री चन्नी झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा, वह (सिद्धू) जनकेंद्रित मुद्दे उठा रहे हैं लेकिन पूरी कांग्रेस पार्टी उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। पहले कैप्टन (अमरिंदर सिंह) ने आवाज दबाने की बात की थी, अब चन्नी हैं। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि श्री चन्नी ने अपने वादों को पूरा नहीं किया है – जैसे राज्य के लोगों को मुफ्त बिजली देना, मोहल्ला क्लीनिक बनाना आदि। उल्लेखनीय है कि पंजाब में विधानसभा चुनाव अगले साल होने वाले हैं और चुनावों से पहले, राज्य, खासकर सत्तारूढ़ कांग्रेस में काफी राजनीतिक मंथन देखने को मिला है। पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने श्री सिद्धू के साथ लंबे और कड़वे झगड़े के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जहां श्री सिद्धू ने श्री सिंह पर भाजपा के वफादार होने का आरोप लगाया, वहीं कैप्टन ने उन्हें एक ‘खतरनाक आदमी’ कहा, जिसमें दावा किया गया कि श्री सिद्धू के पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। अब श्री सिंह की जगह श्री चन्नी ने ले ली, जिन्होंने कांग्रेस के भीतर अंदरूनी कलह खत्म करने का वादा किया था, लेकिन श्री सिद्धू ने कुछ नियुक्तियों को लेकर उनकी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने पंजाब कांग्रेस प्रमुख के पद से भी इस्तीफा दे दिया था, जिसके कारण आलाकमान ने हस्तक्षेप किया और उन नियुक्तियों को रद्द कर दिया।

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